डब्ल्यूटीसी फाइनल : तेज व उछालयुक्त पिच बना रहे क्यूरेटर साइमन, स्पिनरों को बाद में मिलेगी मदद
साउथैम्पटन, 14 जून। भारत व न्यूजीलैंड के बीच आगामी 18 जून से यहां प्रस्तावित आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के आयोजन स्थल ‘द रोज बाउल’ के मुख्य क्यूरेटर साइमन ली ने कहा है कि वह इस बहुप्रतीक्षित मुकाबले के लिए तेज व उछालयुक्त पिच तैयार कर रहे हैं, जो मैच आगे बढ़ने के साथ बाद के दिनों में स्पिनरों को भी मदद पहुंचाएगी।
साइमन ली ने क्रिकेट की लोकप्रिय वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइन्फो से कहा, ‘इस टेस्ट के लिए पिच तैयार करना थोड़ा आसान है क्योंकि यह तटस्थ स्थल है। हमें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के निर्देशों का पालन करना है। लेकिन हम अच्छी पिच तैयार करना चाहते हैं, जिसमें दोनों टीमों के बीच बराबरी का मुकाबला हो।’
मैच के दौरान अच्छा मौसम रहने की भविष्यवाणी
ली ने कहा, ‘निजी तौर पर मैं ऐसी पिच तैयार करना चाहता हूं, जिसमें गति और उछाल हो। इंग्लैंड में हालांकि ऐसा करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि अधिकतर समय मौसम साथ नहीं देता। फिलहाल इस मैच के लिए भविष्यवाणी अच्छी है। काफी धूप रहेगी, इसलिए हमें उम्मीद है कि पिच में तेजी होगी और अधिक रोलर न चलाने पर यह कड़ी पिच होगी।’
पिच की तेजी लाल गेंद की क्रिकेट को रोमांचक बनाती है
क्यूरेटर ने कहा, ‘दोनों टीमों के पास उच्च क्षमता के तेज गेंदबाज हैं और मैं हर समय उनका प्रभाव देखना चाहता हूं। तेजी लाल गेंद की क्रिकेट को रोमांचक बनाती है। मैं क्रिकेट प्रशंसक हूं और मैं ऐसी पिच तैयार करना चाहता हूं, जिसमें क्रिकेट प्रेमी प्रत्येक गेंद देखना चाहता हो, चाहे वह शानदार बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी में बेहतरीन स्पैल।’
ली ने कहा, ‘यदि गेंदबाज और बल्लेबाज के बीच कौशल की जंग होती है तो फिर एक मेडन ओवर काफी रोमांचक हो सकता है। इसलिए यदि पिच से कुछ तेजी और उछाल मिलती है, लेकिन बहुत अधिक एकतरफा मूवमेंट नहीं होता है तो मुझे खुशी होगी।’
देखा जाए तो स्पिन विभाग में भारत का पलड़ा भारी है। उसके पास रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा सरीखे दो विश्वस्तरीय स्पिनर हैं। ली का मानना है कि मैच आगे बढ़ने के साथ स्पिनरों की भूमिका भी होगी। उन्होंने कहा, ‘जैसा मैंने कहा कि मौसम की भविष्यवाणी अच्छी है और यहां पिचें बहुत जल्दी शुष्क पड़ जाती है क्योंकि यहां की मिट्टी में थोड़ा बजरी भी है। इससे पिच से स्पिन हासिल करने में भी मदद मिलती है।’