रिजर्व बैंक का फैसला : कस्टमर चार्ज में बढ़ोतरी, अब एटीएम से पैसा निकालना पड़ेगा महंगा
नई दिल्ली, 11 जून। भारतीय बैंकों के उपभोक्ताओं को अब ऑटेमेटेड टेलर मशीन (एटीएम) से प्रति माह निर्धारित निःशुल्क सीमा से ज्यादा का लेनदेन महंगा पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ग्राहकों से लिए जाने वाले कस्टमर चार्ज और गैर बैंक एटीएम चार्ज में बढ़ोतरी कर दी है। आरबीआई ने एक बयान में यह जानकारी दी है।
ज्ञातव्य है कि जून, 2019 में इंडियन बैंक एसोसिएशन के प्रमुख की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी। उसी समिति के सिफारिशों के आधार पर यह बदलाव किया गया है। एटीएम ट्रांजेक्शन पर इंटरचेंज फीस में इसके पहले बदलाव अगस्त 2012 में किया गया था। इसी तरह कस्टमर से लिए जाने वाले चार्ज में पिछला बदलाव अगस्त, 2014 में हुआ था।
नए बदलाव के तहत रिजर्व बैंक ने एटीएम से लेनदेन पर विनिमय शुल्क (इंटरचेंज फीस) बढ़ा दिया है। इसका मतलब हुआ कि आप यदि अपने बैंक की जगह किसी दूसरे बैंक के एटीएम से पैसा निकालते हैं तो निःशुल्क सीमा से ज्यादा ट्रांजेक्शन पर आपका ज्यादा पैसा कटेगा। यह नियम एक अगस्त, 2021 को लागू होगा।
कस्टमर चार्ज की सीमा में एक रुपये की बढ़ोतरी
आरबीआई ने कस्टमर चार्ज की सीमा भी प्रति ट्रांजेक्शन 20 से बढ़ाकर 21 रुपये कर दी गई है। यानी कि अपने बैंक के एटीएम में भी फ्री ट्रांजैक्शन का लिमिट पार करने पर आपको अब ज्यादा चार्ज देना पड़ेगा। रिजर्व बैंक ने कहा कि यह नियम नए चार्ज कैश रीसाइक्लर मशीन के लिए भी लागू होगा। हालांकि यह बढ़त एक जनवरी, 2022 से लागू होगी।
इंटरचेंज फीस 15 से बढ़कर अब 17 रुपये
इसी क्रम में आरबीआई ने सभी बैंक एटीएम में वित्तीय लेनदेन के लिए इंटरचेंज फीस 15 से बढ़ाकर 17 रुपये कर दी है। साथ ही गैर वित्तीय ट्रांजेक्शन के लिए फीस पांच से बढ़ाकर छह रुपये कर दी गई है। वित्तीय ट्रांजेक्शन का मतलब पैसा निकालने से है, इसी तरह गैर वित्तीय ट्रांजेक्शन का मतलब बैलेंस पता करना आदि है।
गौरतलब है कि बैंक अपने ग्राहकों को अपने एटीएम से एक निश्चित सीमा तक ट्रांजेक्शन फ्री देते हैं, उसके बाद उस पर भी चार्ज लगाते हैं। रिजर्व बैंक का कहना है कि ग्राहकों को अपने बैंक एटीएम से हर माह पांच ट्रांजेक्शन वित्तीय या गैर वित्तीय ही फ्री में उपलब्ध होगा।
इसी प्रकार ग्राहकों से दूसरे बैंक के एटीएम से हर माह मेट्रो शहरों में तीन बार और गैर मेट्रो शहरों में पांच बार ट्रांजेक्शन पर कोई चार्ज नहीं लिया जाता है। इसके बाद यह चार्ज लगता है। यानी अगर इस सीमा से ज्यादा आपने ट्रांजेक्शन किया तो अब वह महंगा पड़ेगा।