केंद्र सरकार ने दिए संकेत – 12-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को जल्द मिल सकती है कोरोनारोधी वैक्सीन
नई दिल्ली, 5 जून। बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक मानी जा रही कोरोना महामारी की आशंकित तीसरी लहर से पहले केंद्र सरकार ने संकेत दिए हैं कि 12 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए भी जल्द ही कोरोनारोधी टीका आ सकता है। सरकार के अनुसार, जायडस कैडिला के टीके को जल्द मंजूरी दी जा सकती है, जिसके परीक्षण 12-18 वर्ष की आयु के बच्चों पर भी किए गए हैं।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल ने स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हाल ही में कोवैक्सीन के टीके का बच्चों पर परीक्षण शुरू हुआ है, लेकिन इसे पूरा होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा क्योंकि परीक्षण प्रतिरोधक क्षमता के होते हैं। दूसरी तरफ जायडस कैडिला की वैक्सीन के परीक्षण बच्चों पर हो चुके हैं।
डॉ. पाल ने उम्मीद जताई कि जायडस कैडिला की वैक्सीन अगले दो हफ्तों में लाइसेंस के लिए आ सकती है। टीके को मंजूरी देते समय इसे बच्चों को देने पर भी निर्णय लिया जा सकता है।
ब्रिटेन में 12-15 आयु वर्ग के बच्चों को फाइजर का टीका
इस बीच ब्रिटिश सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए 12-15 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को फाइजर की वैक्सीन लगाने की मंजूरी दे दी है। ब्रिटेन की ड्रग रेगुलेटर ने शुक्रवार को कहा कि कड़ी समीक्षा के बाद यह पाया गया है कि फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन इस उम्र के बच्चों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है।
लंदन से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन की मेडिसिंस एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी की प्रमुख जून रेन ने कहा, ‘हमने बहुत ही सावधानी से 12 से 15 वर्ष के बच्चों के क्लीनिकल ट्रायल का अध्ययन किया है। इसके बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि फाइजर-बायोएनटेक की कोविड-19 वैक्सीन सुरक्षित व प्रभावी है। इस वैक्सीन के जोखिम से कहीं ज्यादा फायदे हैं. उन्होंने बताया कि इससे पहले यूरोप में 12 से 15 साल के बच्चों के लिए फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी दी जा चुकी है। गत 28 मई को यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने इस संबंध में घोषणा की थी।