केजरीवाल के बयान से नाराज सिंगापुर ने लागू किया फेक न्यूज कानून ‘पोफ्मा’
नई दिल्ली, 20 मई। सिंगापुर सरकार कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को ‘सिंगापुर वैरिएंट’ बताने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान से इतनी नाराज है कि उसने देश में फेक न्यूज कानून लागू कर दिया है। दरअसल, एंटी मिसइनफॉर्ममेशन कानून यानी प्रोटेक्शन फ्रॉम ऑनलाइन फॉल्सहुड एंड मैनिपुलेशन (Protection from Online Falsehoods & Manipulation- POFMA) नामक कानून सिंगापुर में ऑनलाइन फैलाए जाने वाले झूठ को रोकने के लिए बनाया गया है।
गौरतलब है कि केजरीवाल ने दो दिन पहले चेतावनी दी थी कि कोरोना की तीसरी लहर सिंगापुर से आ सकती है, जो बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक होगी। साथ ही उन्होंने भारत सरकार से अपील की थी कि सिंगापुर व भारत के बीच सभी हवाई सेवाएं तत्काल प्रभाव से रोक दी जाएं।
केजरीवाल के इस बयान से सिंगापुर ने तत्काल नाराजगी के साथ आपत्ति जताई तो विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को यह कहते हुए सफाई देनी पड़ी कि केजरीवाल का बयान गैरजिम्मेदाराना है और वह भारत सरकार की ओर से कोई बयान देने के प्राधिकारी नहीं है। जयशंकर ने यह भी कहा था कि केजरीवाल को समझना चाहिए कि उनके इस बयान से सिंगापुर के साथ रिश्तों में कटुता आ सकती है, जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ मजबूत साझेदार है।
- सिंगापुर में अब केजरीवाल के बयान से संबंधित कोई भी सूचना नहीं दिखाई जाएगी
भारत के स्पष्टीकरण से संतुष्ट होने के बावजूद सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने ‘पोफ्मा’ कार्यालय को फेसबुक, ट्विटर और स्थानीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सामान्य सुधार-संबंधी निर्देश जारी करने को कहा है। इस कानून के लागू होने के बाद अब फेसबुक, ट्विटर और हार्डवेयरजोनडॉटकॉम समेत सोशल मीडिया कम्पनियों को सिंगापुर में सभी एंड-यूजर्स को एक करेक्शन नोटिस भेजना होगा। यानी सिंगापुर में अरविंद केजरीवाल के बयान से संबंधित कोई भी सूचना नहीं दिखाई जाएगी।
सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के अनुसार पोफ्मा कानून के तहत अब सोशल मीडिया कम्पनियों को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को यह बताना होगा कि कोरोना का कोई सिंगापुर वैरिएंट नहीं है और न कि इसका कोई साक्ष्य है कि कोई कोरोना वैरिएंट बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है।
- भारत सरकार के स्पष्ट जवाब से सिंगापुर संतुष्ट
इसके पहले सिंगापुर के उच्चायुक्त सिमोन वोंग ने बुधवार को एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में संकेत दिया था कि यह कानून लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि सिंगापुर इस दुर्भाग्यपूर्ण चैप्टर को बंद करने के साथ महामारी के खिलाफ भारत के साथ साझा जंग पर फोकस करना चाहता है।
वोंग ने मीडिया से यह भी कहा था, ‘हम भारत सरकार की उसके स्पष्ट जवाब के लिए तारीफ करते हैं और इससे संतुष्ट हैं।’ उन्होंने कहा कि एक प्रमुख राजनीतिक शख्सियत ने नई दिल्ली में तथ्यों को परखे बिना दुर्भाग्यपूर्ण बातें कहीं, जिस पर सिंगापुर ने गहरी चिंता जाहिर की है।