कोरोना पीड़ित राज्य सभा सदस्य डॉ. मोहापात्रा का निधन, राष्ट्रपति-पीएम ने जताया शोक
भुवनेश्वर, 9 मई। प्रख्यात मूर्तिकार व राज्य सभा सांसद डॉ. रघुनाथ मोहापात्रा का रविवार को कोरोना से निधन हो गया। 78 वर्षीय सांसद ने भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) में अंतिम सांस ली।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी सहित अन्य नेताओं ने डॉ. मोहापात्रा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। मोहापात्रा को वर्ष 2013 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान – पद्म विभूषण से अलंकृत किया गया था। इसके पूर्व उन्हें वर्ष 1974 में पद्म श्री और 2001 में पद्म भूषण से नवाजा गया था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने डॉ. मोहापात्रा के निधन पर ट्वीट के जरिए अपनी शोक संवेदना में लिखा, ‘उनके निधन के बाद कला के क्षेत्र में शून्य पैदा हो गया है। उनका निधन अपूरणीय क्षति है।’ पीएम मोदी ने कहा कि उनकी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवार के साथ हैं।
ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल ने भी डॉ. मोहापात्रा के निधन पर शोक जताया. राजभवन की ओर से जारी ट्वीट में लिखा गया, ‘उन्हें उनकी बेजोड़ कला के लिए हमेशा याद किया जाएगा।’
केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने अपने ट्वीट में डॉ. रघुनाथ की आत्मा की शांति की कामना की और लिखा कि उन्हें मिलने वाले भाई जैसे अपनत्व को वह भुला नहीं सकेंगे। सारंगी ने लिखा कि रघुनाथ का निधन कला जगत के लिए बड़ी क्षति है। डॉ. मोहापात्रा ने कई पीढ़ियों के छात्रों को कला के क्षेत्र में सिखाया है। उनके निधन से ओडिशा में पत्थर को तराश कर बनाई जाने वाली कलाकृति की परंपरा को भी नुकसान हुआ है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उड़िया भाषा में किए अपने ट्वीट में मोहापात्रा के निधन पर शोक जताया। उन्होंने लिखा कि ओडिशा की कला और यहां की विरासत में योगदान देने के लिए मोहापात्रा को हमेशा याद किया जाएगा। रघुनाथ मोहापात्रा अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कलाकार और सांसद थे।
ओड़िशा के पुरी जिले में 24 मार्च, 1943 को जन्मे डॉ. मोहापात्रा सिर्फ आठवीं कक्षा तक ही पढ़े थे, लेकिन कला के प्रति उनका समर्पण और उनकी साधना ही थी, जिसने उन्हें दुनियाभर में लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचा दिया। जुलाई, 2018 में भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्य सभा पहुंचे डॉ. मोहापात्रा हाल के वर्षों में कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे।