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NEET-UG पेपर लीक केस – पेपर सॉल्वर गैंग में शामिल एम्स पटना के 4 MBBS छात्र किए जाएंगे सस्पेंड

NEET-UG पेपर लीक केस – पेपर सॉल्वर गैंग में शामिल एम्स पटना के 4 MBBS छात्र किए जाएंगे सस्पेंड

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पटना, 19 जुलाई। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) पटना ने NEET-UG 2024 पेपर लीक मामले से जुड़े पेपर सॉल्वर गैंग में शामिल संस्थान के चार एमबीबीएस छात्रों को सस्पेंड करने का फैसला किया है।

उल्लेखनीय है कि नीट में गडबड़ी उजागर होने के बाद एक से दूसरी कड़ी जोड़ते हुए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) इन मेडिकल छात्रों तक पहुंची थी और उन्हें उनके हॉस्टल से गिरफ्तार करके ले गई थी। अब सॉल्वर्स में नाम आने के बाद पटना AIIMS प्रशासन ने चंदन सिंह, राहुल आनंद, कुमार शानू और करण जैन को सस्पेंड करने का निर्णय लिया है।

रॉकी से मिली थी चारों मेडिकल छात्रों की लीड

प्राप्त जानकारी के अनुसार रॉकी उर्फ राकेश रंजन ने सीबीआई के सामने पेपर सॉल्व करने वाले MBBS छात्रों का राज उगला था, जिसके बाद पटना AIIMS के चार MBBS छात्रों की गिरफ्तारी हुई। इसके अलावा रांची RIMS की एक मेडिकल छात्रा को भी CBI ने हिरासत में लिया है।

रॉकी उर्फ राकेश रंजन नीट पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया का भांजा है, जो इस पूरे कांड का राजदार साबित हुआ है। सीबीआई ने रॉकी को एडवांस टेक्निकल इंटेलिजेंस की मदद से गिरफ्तार किया था। सीबीआई को पटना और कोलकाता में उससे जुड़े ठिकानों पर छापेमारी के बाद आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए हैं

सुरेंद्र के कहने पर MBBS छात्रों ने सॉल्व किया था पेपर

यह भी जानकारी मिली है कि मेडिकल छात्रों और रॉकी को मिलवाने में सुरेंद्र नाम के एक शख्स ने अहम भूमिका निभाई है। बताया जा रहा है कि सुरेंद्र ने ही मेडिकल छात्रों को बतौर सॉल्वर्स के रूप में रॉकी से मिलवाया था। लीक किया हुआ पेपर सॉल्व करने के लिए सुरेंद्र ने ही मेडिकल स्टूडेंट्स को राजी किया था। CBI ने सुरेंद्र को भी गिरफ्तार किया है और उसे भी चारों छात्रों के साथ रिमांड पर लिया है।

CBI ने चारों छात्रों से हल करवाया नीट का पेपर

CBI सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय जांच एजेंसी ने पटना AIIMS के इस चारों छात्रों के सामने नीट में आए कुछ सवाल हल करने को दिए थे, जिसे उन्होंने हल कर दिया। शुरुआती पूछताछ के बाद ही इन सभी ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। CBI को आशंका है कि सॉल्वर बने मेडिकल छात्रों ने अपने संपर्क के लोगों तक पेपर और उसका उत्तर फॉरवर्ड किया होगा।

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