सुकमा, 12 जुलाई। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक और बड़ी सफलता हासिल हुई है। इसके तहत जिले में सक्रिय विभिन्न स्तर के कुल 23 नक्सलियों ने औपचारिक रूप से पुलिस और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष समाज की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लेते हुए आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें एक करोड़ 18 लाख रुपये के ईनामी नक्सली भी शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वालों में नौ महिला और 14 पुरुष नक्सली शामिल हैं, जिनमें तीन नक्सली दंपति भी हैं।
हिड़मा की बटालियन नंबर 1 के भी नक्सलियों ने भी किया सरेंडर
सुकमा एसपी किरण चह्वाण ने बताया कि 23 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें 11 नक्सली आठ लाख के ईनामी हैं। इनमें लोकेश डीवीसीएम हैं और अन्य आठ नक्सली हिडमा की बटालियन नंबर 1 के हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में नक्सलियों का सरेंडर ये बताता है कि हिड़मा की बटालियन लगातार कमजोर हो रही है और बटालियन नंबर 1 के नक्सली लगातार भाग रहे हैं।
8 लाख का ईनामी है लोकेश उर्फ पोडियामी भीमा
लोकेश उर्फ पोडियामी भीमा दक्षिण सब जोनल ब्यूरो सप्लाई टीम कमाण्डर/ DVCM है। वह आठ लाख का ईनामी है। वह सुकमा जिले के गोलापल्ली थाना के पोलमपल्ली का निवासी है। लोकेश कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है। खासकर साल 2012 में सुकमा कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन के अपहरण की वारदात में वह शामिल था।
सुकमा एसपी किरण चह्वाण ने कहा कि सुकमा बीजापुर सीमावर्ती क्षेत्रों में नक्सल अभियान चलाया जा रहा है, जिससे यह बड़ी कामयाबी मिली है। हिडमा बटालियन के अलावा अलग अलग एरिया कमेटी आमदई, जगरगुंडा, केरलापाल, बीजापुर, नारायणपुर के नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
सुकमा एसपी की नक्सलियों से आत्मसमर्पण की अपील
उन्होंने बताया कि यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ शासन की ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति-2025’ एवं स्थानीय रूप से संचालित ‘नियद नेल्लानार’ योजना से प्रेरित होकर किया गया है। इसके अतिरिक्त सुकमा के अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस व सुरक्षा बलों द्वारा लगातार स्थापित किए जा रहे नवीन सुरक्षा कैम्पों से नक्सलियों का मनोबल टूटा है और वे पुलिस के बढ़ते दबाव व जनता के बीच जागरूकता से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित हुए हैं। सभी नक्सलियों से अपील है कि वे जल्द से जल्द आत्मसमर्पण करें और शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लें। समर्पित नक्सलियों को शासन द्वारा सभी लाभ और अन्य सुविधाएं जल्द से जल्द प्रोवाइड की जाएगी।
नक्सलियों को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि
पुलिस अधीक्षक कार्यालय सुकमा में वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में सभी 23 नक्सलियों ने बिना हथियार आत्मसमर्पण किया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि व अन्य आवश्यक सुविधाएं जैसे निवास, शिक्षा, चिकित्सा एवं रोजगार प्रशिक्षण प्रदान की जाएगी, जिससे वे सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें।
इस सफलता में जिला बल, डीआरजी सुकमा, रेंज फील्ड टीम (RFT) सुकमा व जगदलपुर, सीआरपीएफ की 2, 223, 227, 204, 165 वाहिनियां और कोबरा की 208वीं वाहिनी के खुफिया और जमीनी कर्मचारियों की विशेष भूमिका रही।
