
दिल्ली : AAP के 21 विधायक विधानसभा से 3 दिनों के लिए निष्कासित, सिर्फ अमानतुल्लाह खान बचे
नई दिल्ली, 25 फरवरी। दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री कार्यालय से डॉ. भीमराव बाबा साहब आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें शिफ्ट किए जाने को लेकर आम आदमी पार्टी ने जमकर नारेबाजी की। यह नारेबाजी उप राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी जारी रही, जिसके चलते विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने सदन में मौजूद आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों को निलम्बित कर दिया।
इसके कुछ घंटे बाद बड़ा कदम उठाते हुए उन्होंने AAP के 22 विधायकों में से 21 को अगले तीन दिनों के लिए 25, 27 और 28 फरवरी के लिए निष्कासित कर दिया गया है। इनमें से केवल अमानतुल्लाह खान बच गए क्योंकि वह सदन में मौजूद नहीं थे। आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को 3 दिनों के लिए निष्कासित करने का प्रस्ताव कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा ने रखा था, जिसे ध्वनिमत से स्वीकार किया गया।
एलजी के अभिभाषण के दौरान हंगामे के कारण हुई काररवाई
दरअसल उप राज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान ‘आप’ विधायकों की ओर से किए गए हंगामे को लेकर कैबिनेट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने सदन में एक प्रस्ताव लाकर अमर्यादित काम करने वालों के खिलाफ कड़ी काररवाई की मांग की। विधायक अभय वर्मा ने इसका समर्थन करते हुए सभी 21 सदस्यों को तीन दिन के लिए निलंबित करने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने ‘आप’ के 21 विधायकों के आज समेत तीन कार्य दिवस के लिए निलंबन का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया।
पहले 12 AAP सदस्यों को दिनभर के लिए किया गया था निलम्बित
इससे पहले विजेंद्र गुप्ता ने उप राज्यपाल वी. के. सक्सेना के अभिभाषण के दौरान नारेबाजी करने के आरोप में नेता विपक्ष व पूर्व सीएम आतिशी सहित AAP के 12 विधायकों को दिनभर के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया था।
‘आप’ के जिन नेताओं को सदन की कार्यवाही से निलंबित किया गया, उनमें आतिशी, गोपाल राय, वीर सिंह धींगान, मुकेश अहलावत, चौधरी जुबैर अहमद, अनिल झा, विषेश रवि और जरनैल सिंह शामिल थे। हालांकि आतिशी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री कार्यालय से बी.आर. आंबेडकर का चित्र हटाकर उनका अपमान किया है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने बाबासाहेब आंबेडकर के चित्र को हटाकर अपना असली रंग दिखाया है। क्या वह मानती है कि नरेंद्र मोदी बाबासाहेब की जगह ले सकते हैं?