नई दिल्ली, 31 मई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले चार वर्षों में आए सबसे गंभीर तूफान ने सोमवार की शाम शहर तबाही मचाई। इस दौरान 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के सामने सैकड़ों पेड़ उखड़ गए और सड़कों को पेड़ों की टूटी हुई टहनियों से पाट दिया।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में नौ जून, 2018 के बाद आया यह सबसे गंभीर तूफान है। उस दौरान पालम में हवा की गति 104 किलोमीटर प्रतिघंटा मापी गयी थी। आंधी-तूफान आने और भारी बारिश के कारण दो लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए।
बारिश के चलते तापमान में काफी गिरावट
गौरतलब है कि पिछले सोमवार को भी दिल्ली में मध्यम दर्जे का तूफान आया था। तूफान के कारण तापमान में काफी कमी आई है और सफदरजंग वेधशाला के अनुसार, शाम 4:20 बजे तापमान 40 डिग्री सेल्सियस था, जो शाम 5:40 बजे गिरकर 25 डिग्री सेल्सियस रह गया। सफदरजंग, लोधी रोड और रिज में क्रमश: 17.8 मिमी, 20 मिली और 15 मिमी दर्ज किया गया।
तूफान से पूर्वी और मध्य दिल्ली सर्वाधिक प्रभावित
तूफान का सबसे ज्यादा असर पूर्वी और मध्य दिल्ली में दिखा, जहां सड़कें पेड़ों की टूटी हुई टहनियों से अटी पड़ी हैं। शहर में विभिन्न जगहों से लोगों ने सूचना दी है कि तेज हवाओं के कारण बिजली और इंटरनेट के तार टूट गए हैं। पुराने और संवेदनशील भवनों तथा निर्माणाधीन भवनों को नुकसान पहुंचा है।
तूफान के कारण जामा मस्जिद के गुंबद के ऊपर लगा पीतल का छोटा गुंबद टूट गया। दिल्ली हवाई अड्डे पर कम से कम पांच उड़ानों का रास्ता बदलना पड़ा और 70 उड़ानों में देरी हुई। शहर में कई जगहों पर भीषण जाम भी लग गया। पुलिस और दमकल विभाग के पास बचाव के सैकड़ों फोन आए जबकि लोगों को लुटियंस दिल्ली, आईटीओ, कश्मीरी गेट, एमबी रोड और राजघाट समेत कई इलाकों में जलभराव और पेड़ उखड़ने के कारण भारी यातायात संबंधी जाम का सामना करना पड़ा।