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सुप्रीम कोर्ट ने मोहन डेलकर की कथित सुसाइड मामले से संबंधित याचिका की खारिज, जानें क्या कहा…

सुप्रीम कोर्ट ने मोहन डेलकर की कथित सुसाइड मामले से संबंधित याचिका की खारिज, जानें क्या कहा…

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नई दिल्ली, 18 अगस्त। उच्चतम न्यायालय ने सात बार के सांसद मोहन डेलकर की 2021 में कथित आत्महत्या के मामले में बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका सोमवार को खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन तथा न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने मृतक के बेटे अभिनव मोहन डेलकर द्वारा उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज की।

उच्च न्यायालय ने इस मामले में दादरा-नगर हवेली, दमन-दीव और लक्षद्वीप केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल खोड़ा सहित नौ लोगों के खिलाफ सांसद डेलकर को आत्महत्या के लिए उकसाने की शिकायत पर दर्ज मुकदमा रद्द करने का 2022 में आदेश दिया था। पटेल के अलावा इस मामले में कई आला अधिकारियों और राजनेताओं के नाम आरोपियों में शामिल थे।

उन आरोपियों में तत्कालीन जिला कलेक्टर संदीप सिंह, पुलिस अधीक्षक शरद दराडे, डिप्टी कलेक्टर अपूर्व शर्मा, उप-मंडल अधिकारी मनस्वी जैन, पुलिस निरीक्षक (सिलवासा), रोहित यादव ( प्रशासनिक विभाग के अधिकारी) के अलावा राजनीतिक नेता फत्तेसिंह चौहान और दिलीप पटेल (सिलवासा के तलाठी) के नाम शामिल थे।

उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ कथित तौर पर डेलकर को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए दर्ज आपराधिक मामला रद्द कर दिया था। मृतक के बेटे अभिनव ने उच्च न्यायालय के इस आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। दादरा और नगर हवेली से सात बार सांसद रहे 58 वर्षीय श्री डेलकर 22 फरवरी, 2021 को दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव स्थित एक होटल के कमरे में मृत पाए गए थे। उस समय वह सांसद थे।

मुंबई पुलिस ने एक सुसाइड नोट के आधार पर पटेल और उन आठ अन्य लोगों पर मार्च 2021 में कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने और श्री डेलकर को आपराधिक धमकी देने का मामला दर्ज किया था। सांसद डेलकर के पुत्र अभिनव डेलकर ने 09 मार्च, 2021 को उन सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

संजीभाई डेलकर के नाम से मशहूर सांसद का जन्म 19 दिसंबर 1962 हुआ था। उन्हें आदिवासी अधिकारों के लिए लड़ने वाले राजनेता के तौर पर याद किया जाता है। वह दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव केंद्र शासित प्रदेश में दादरा और नगर हवेली निर्वाचन क्षेत्र से सात बार लोकसभा के सदस्य चुने गए थे‌। उनका राजनीतिक सफर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) और खुद की स्थापित भारतीय नवशक्ति पार्टी के साथ गुजरा।

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