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डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ फिर धरने पर बैठे पहलवान, विनेश फोगाट व साक्षी मलिक ने रोते हुए लगाए आरोप

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नई दिल्ली, 23 अप्रैल। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और ओलंपिक पदक विजेता पहलवानों के बीच एक बार फिर जंग शुरू हो गई है। इस क्रम में बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट सहित कई पहलवान बृजभूषण शरण के खिलाफ रविवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने पर बैठ गए। खिलाड़ियों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से भी नाराजगी जताई है और दिल्ली पुलिस पर भी रिपोर्ट न दर्ज करने का आरोप लगाया है।

बजरंग पुनिया ने कहा – 3 माह हो गए, खेल मंत्रालय से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली

बजरंग पुनिया ने जंतर मंतर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हम मानसिक प्रताड़ना से गुजर रहे हैं, यह महिला एथलीटों के सम्मान के बारे में है और हमें खेल मंत्रालय से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है, तीन महीने हो गए हैं। यहां तक कि नाबालिग सहित लड़कियों ने यौन उत्पीड़न के संबंध में बृजभूषण सिंह के खिलाफ कनॉट प्लेस के पुलिस स्टेशन में शिकायत दी, लेकिन अभी तक दर्ज नहीं की गई है। पॉक्सो का मामला होना चाहिए। हम 2.5 महीने से इंतजार कर रहे हैं।’

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विनेश फोगाट और साक्षी मलिक रो पड़ीं

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विनेश फोगाट और साक्षी मलिक तो रो पड़ीं। साक्षी मलिक ने कहा, ‘हम ढाई-तीन महीने से न्याय के लिए लड़ रहे हैं। लड़कियों ने अपने बयान भी दे दिए हैं, फिर भी कोई काररवाई नहीं हो रही है। पहलवानों के शोषण का मामला है। आप समझ ही रहे हैं कि हैरेसमेंट का केस अपने आप में कितना सेंसेटिव है। एक लड़की का मामला है तो कितना सेंसेटिव हो सकता है। सात पहलवान लड़कियों ने शिकायत दी है, लेकिन उनकी शिकायत पर FIR नहीं की जा रही है।’

सेंसेटिव केस में देरी क्यों हो रही, यह समझ से परे – साक्षी मलिक

साक्षी मलिक ने कहा, ‘पुलिस अधिकारी सोमवार को बात करने को कह रहे हैं और लगातार इस मामले में देरी कर रहे हैं। यह इतना सेंसेटिव केस है, लेकिन इसमें देरी क्यों हो रही है, यह समझ से परे है। पहले लगाए गए आरोपों की जांच के लिए कमेटी बैठाई गई थी, लेकिन कमेटी ने क्या जांच की और उस जांच में क्या निष्कर्ष निकला, ये अभी सामने नहीं आया है।’

विनेश बोलीं – हैरेसमेंट हो रहा है, तीन महीने से मेंटल टॉर्चर से जूझ रहे हैं

धरने पर बैठी विनेश फोगाट ने कहा, ‘हैरेसमेंट हो रहा है, तीन महीने से मेंटल टॉर्चर से जूझ रहे हैं। हम नहीं सुरक्षित हैं तो फिर कौन सुरक्षित है। मंत्रालय और कमेटी से तीन महीने से जवाब मांगने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन न वक्त मिल रहा है और न ही जवाब।’

भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर साबित नहीं हो सका यौन उत्पीड़न का आरोप

खेल मंत्रालय ने गठित की थी जांच समिति

गौरतलब है कि ढाई महीने पहले भी पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण पर संगीन आरोप लगाए थे। पहलवानों ने खेल मंत्रालय से मांग की थी कि डब्ल्यूएफआई को भंग कर दिया जाए और बृजभूषण शरण सिंह को अध्यक्ष पद से हटा दिया जाए। पहलवानों के इतने गंभीर आरोप को देखते हुए खेल मंत्रालय ने बृजभूषण शरण सिंह को रोजाना के कामकाज से दूर रहने और साथ में यौन उत्पीड़न की शिकायतों के खिलाफ जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी के गठन का आदेश दिया था।

इसी क्रम में गत 23 जनवरी को महान मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति बनी थी, जिसे पहलवानों की शिकायत पर जांच करके एक महीने में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया था। हालांकि बाद में मंत्रालय ने कमेटी को रिपोर्ट पेश करने के लिए मियाद को दो सप्ताह के लिए बढ़ा दिया था और प्रदर्शनकारी पहलवानों के आग्रह पर जांच समिति में पहलवान बबीता फोगट को भी छठे सदस्य के रूप में शामिल कर लिया।

जांच समिति ने अप्रैल के पहले सप्ताह में ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी

मीडिया खबरों के अनुसार जांच समिति ने अप्रैल के पहले सप्ताह में ही अपनी रिपोर्ट मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत कर दी थी, लेकिन मंत्रालय ने उस समय रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया था। हालांकि, इस संबंध में खेल मंत्रालय के अधिकारियों की ओर से पुष्टि की गई है कि पहलवानों की शिकायत पर गहन सुनवाई के बाद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप साबित नहीं हो सके हैं।

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