वॉशिंगटन, 6 अक्टूबर। विश्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान घटा दिया है और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के बिगड़ते माहौल का हवाला देते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है। यह पिछले वर्ष जून में उसकी ओर से किए गए अनुमान से एक प्रतिशत कम है।
फिलहाल भारत दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में मजबूती से उबर रहा
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक से पहले जारी अपने नवीनतम दक्षिण एशिया आर्थिक फोकस में बैंक ने हालांकि कहा कि भारत दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में मजबूती से उबर रहा है। पिछले वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
हैंस टिमर बोले – भारत के पास विवेकपूर्ण मौद्रिक नीति है
दक्षिण एशिया के लिए विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री हैंस टिमर ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था ने दक्षिण एशिया के अन्य देशों की तुलना में अपेक्षाकृत मजबूत विकास और अच्छा प्रदर्शन किया है। भारत के लिए लाभ ये है और उन्होंने अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन इस मामले में किया है कि उनके ऊपर एक बड़ा ऋण नहीं है, इसलिए इस तरफ से कोई समस्या नहीं आ रही है। भारत के पास विवेकपूर्ण मौद्रिक नीति है।’
भारत और सभी देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय वातावरण बिगड़ रहा
हैंस टिमर ने कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था ने विशेष रूप से सेवा क्षेत्र और विशेष रूप से सेवा निर्यात में अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन हमने अभी शुरू हुए वित्तीय वर्ष के लिए पूर्वानुमान को डाउनग्रेड कर दिया है और इसका मुख्य कारण है कि भारत और सभी देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय वातावरण बिगड़ रहा है। हम इस वर्ष के मध्य में दुनिया में एक प्रकार से अर्थव्यवस्था के धीमे होने के पहले संकेत देख रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि कैलेंडर वर्ष की दूसरी छमाही कई देशों में कमजोरी दिख रही है और भारत में भी अपेक्षाकृत कमजोरी रहेगी।