मुंबई, 21 दिसम्बर। बीते महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी पराजय के बाद शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे मुंबई में महा विकास अघाड़ी (MVA) से अपनी राहें अलग करने की फिराक में हैं और चर्चा यह भी है कि कि ठाकरे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार से गठबंधन तोड़कर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) का चुनाव अकेले लड़ने के लिए तैयार हैं।
सूत्रों पर भरोसा करें तो विधानसभा चुनाव में दुर्गति के बाद ठाकरे काफी विचलित हैं। उन्होंने बीते दिनों पराजित उम्मीदवारों के साथ बातचीत की भी थी। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस व एनसीपी (एसपी) के साथ विपक्षी गठबंधन एमवीए के तीसरे घटक शिवसेना (यूबीटी) ने 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 97 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जिनमें सिर्फ 20 विजयी हुए।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने शनिवार को संकेत दिया कि उनकी पार्टी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) का चुनाव अकेले लड़ सकती है। राउत ने पत्रकारों से कहा कि पार्टी कार्यकर्ता स्थानीय निकाय चुनावों में संगठन के अकेले लड़ने पर जोर दे रहे हैं क्योंकि लोकसभा या राज्य विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार दावेदार अधिक हैं।
संजय राउत ने कहा, ‘उद्धव ठाकरे और अन्य पार्टी नेताओं के बीच बीएमसी चुनाव (अकेले लड़ने को लेकर) बातचीत जारी है। कार्यकर्ता चाहते हैं कि पार्टी अकेले चुनाव लड़े।’ बीएमसी पर अविभाजित शिवसेना का 1997 से 2022 तक लगातार 25 वर्ष नियंत्रण था। बीएमसी के पिछले निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल मार्च, 2022 की शुरुआत में समाप्त हो गया था।
‘मुंबई को जीतना जरूरी, अन्यथा यह शहर महाराष्ट्र से अलग हो जाएगा‘
राउत ने कहा कि मुंबई में पार्टी की ताकत निर्विवाद है। उन्होंने कहा, ‘अगर हमें मुंबई में (विधानसभा चुनावों के दौरान) लड़ने के लिए और सीट मिलतीं तो हम उन्हें जीत लेते।’ राउत ने दावा किया कि मुंबई को जीतना जरूरी है, अन्यथा यह शहर महाराष्ट्र से अलग हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि जब (अविभाजित) शिवसेना का भाजपा के साथ गठबंधन था, तब भी हमने बीएमसी और अन्य नगर निकाय चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़े थे। हम ऐसा करने के तरीके खोजने की कोशिश कर रहे हैं। पुणे, पिंपरी-चिंचवड और नासिक नगर निकायों में एमवीए बरकरार रहेगा।’
उधर उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पिछले सप्ताह कहा था कि शिवसेना अगले वर्ष होने वाले बीएमसी चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति के झंडा तले जोर आजमाएगी। शिवसेना प्रमुख शिंदे ने कहा था, ‘बीएमसी चुनाव सभी 227 नगर निगम वार्ड में महायुति (गठबंधन) के रूप में लड़ा जाएगा।’ भाजपा, शिवसेना और राकांपा महायुति गठबंधन का हिस्सा हैं।