नई दिल्ली, 23 नवंबर। इस वर्ष के आखिरी विधानसभा चुनावों के परिणाम का वक्त आ गया है। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों में मतदान की प्रक्रिया 20 नवंबर को संपन्न हुई थी। चुनाव आयोग की तरफ से पूर्वनिर्धारित तारीख के मुताबिक, आज 23 नवंबर को मतगणना के बाद नतीजे भी आ जाएंगे, इसके लिए मतगणना शुरू हो गई है। महाराष्ट्र में सभी 288 जबकि झारखंड की सभी 81 सीटों पर वोटिंग हुई थी। 20 नवंबर को मतदान खत्म होने के बाद आए ज्यादातर एग्जिट पोल रिजल्ट्स में महाराष्ट्र और झारखंड, दोनों ही राज्यों में बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग यानी एनडीए) को कांग्रेस नीत गठबंधन I.N.D.I.A पर बढ़त दिखाई गई है। कुछ सर्वेक्षणों में दोनों राज्यों में उलटे अनुमान जताए गए जिनमें इंडि गठबंधन को राजग पर बढ़त दिखाई गई।
जानिए अबतक हाल
महाराष्ट्र में महायुति को बड़ी बढ़त हासिल है। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर आए शुरुआती रुझानों में महायुति को सात सीटों पर बढ़त हासिल है जबकि एमवीए सिर्फ एक सीट पर आगे है। चुनाव आयोग के मुताबिक, शिवसेना, एनसीपी को तीन-तीन जबकि बीजेपी को एक सीट पर बढ़त हासिल है। ये सभी महायुति के घटक हैं। वहीं महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के घटक दल एनसीपी (शरद पवार) को एक सीट पर बढ़त हासिल है।
15 राज्यों में उपुचनावों वाली सीटों पर भी गिनती
महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों के साथ-साथ कुल 15 राज्यों में अलग-अलग संख्या में सीटों पर उपचुनाव भी हुए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश की नौ, राजस्थान सात, असम की पांच, बिहार की चार, पंजाब की चार, पश्चिम बंगाल की चार, मध्य प्रदेश की दो, गुजरात की एक के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की 1 सीट शामिल है।
इनके अलावा, केरल की वायनाड और महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीटों पर भी उपचुनाव हुए हैं। केरल की वायनाड सीट पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की जीत हुई थी। उन्होंने केरल की रायबरेली सीट से भी चुनाव जीती थी और इसी सीट को अपने पास रखा है। नियम के मुताबिक, उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी और वहां से राहुल की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने किस्मत आजमाई है।
इन सभी सीटों पर हुए चुनाव के परिणाम भी आज आ जाएंगे। महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों के साथ उत्तर प्रदेश के उपचुनावों की भी खूब चर्चा है। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव परिणामों का सीधा-सीधा असर राष्ट्रीय राजनीति पर पड़ेगा। वहीं, उत्तर प्रदेश के उपचुनावों का धमक 2017 में होने वाले प्रदेश के विधानसभा चुनावों तक गूंजेगी।