जेनेवा, 5 मई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वैश्विक महामारी के तौर पर कोरोना के खत्म होने का एलान किया है. वैश्विक संगठन का कहना है कि कोविड-19 अब वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी के रूप में खत्म हो चुका है।
"It is therefore with great hope that I declare #COVID19 over as a global health emergency.
However, that does not mean COVID-19 is over as a global health threat.
Last week, COVID-19 claimed a life every three minutes – and that’s just the deaths we know about"-@DrTedros pic.twitter.com/n6zad8qSdx
— World Health Organization (WHO) (@WHO) May 5, 2023
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने शुक्रवार को कहा, ‘बीते दिन संगठन की इमरजेंसी समिति की 15वीं बैठक हुई। मुझे यह बताया गया कि अब पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के तौर पर कोरोना के खत्म होने का एलान कर देना चाहिए। मैंने उनकी सलाह स्वीकार कर ली। इसलिए अब बड़ी उम्मीद के साथ मैं ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी के तौर पर कोरोना के खत्म होने का एलान करता हूं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोरोना पूरी तरह से खत्म हो गया है।’
30 जनवरी, 2020 को कोरोना को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया था
पिछले हफ्ते कोरोना से हर तीन मिनट में एक शख्स की मौत होने का दावा किया गया था। गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ ने 30 जनवरी, 2020 को कोरोना को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट के मुताबिक, कोरोना से अब तक दुनियाभर में लगभग 70 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
चीन के वुहान से फैला था दुनियाभर में कोरोना?
चीन ने 31 दिसम्बर, 2019 को विश्व स्वास्थ्य संगठन को बताया था कि वुहान में निमोनिया जैसी बीमारी फैल रही है। ये बीमारी कोरोना वायरस से हो रही थी। दिसम्बर, 2019 की शुरुआत से ही वुहान के अस्पताल में फ्लू जैसे लक्षण के साथ मरीज भर्ती होने लगे थे। इन मरीजों के सैम्पल की जब जीनोम सिक्वेंसिंग की गई तो सामने आया कि ये उसी कोरोना वायरस की तरह है, जिसकी वजह से 2002-03 में भी आउटब्रेक आया था।
LIVE: Media briefing on #COVID19 and global health issues with @DrTedros https://t.co/eNfCX95RaG
— World Health Organization (WHO) (@WHO) May 5, 2023
चीन ने 31 दिसम्बर, 2019 को WHO को इस बीमारी की जानकारी दी
चीन ने 31 दिसम्बर को WHO को इस बीमारी की जानकारी दी। 31 दिसम्बर के दिन ही वुहान के सीफूड मार्केट को भी बंद करवा दिया गया। अंदेशा था कि ये वायरस इसी मार्केट से निकला है। लैंसेट की स्टडी के अनुसार एक दिसम्बर, 2019 को कोरोना का पहला मामला सामने आ गया था। इसके पांच दिन बाद पहले मरीज की पत्नी में भी निमोनिया जैसे लक्षण दिखे और उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया।
2020 की शुरुआत से ही दुनियाभर में कोरोना तेजी से फैलने लगा था। 30 जनवरी, 2020 को WHO ने कोविड को ‘ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी’ घोषित किया। इसके बाद 11 मार्च, 2020 को WHO ने इसे ‘महामारी’ घोषित कर दिया, तब तक कोरोना दुनिया के 114 देशों में फैल चुका था और इसके 1.14 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके थे जबकि चार हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी थी।
भारत में आई थीं कोरोना की तीन लहरें
- पहली लहर : देश में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी, 2020 को केरल में सामने आया था। पहली लहर का पीक 17 सितम्बर 2020 को आया था। उस दिन करीब 98 हजार केस सामने आए थे। 10 फरवरी 2021 से पहली लहर कमजोर हुई और मामले कम होने लगे। पहली लहर करीब 377 दिन तक चली थी। इस दौरान 1.08 करोड़ मामले सामने आए थे और 1.55 लाख मौतें हुई थीं। हर दिन औसतन 412 मौतें हुईं।
- दूसरी लहर : मार्च, 2021 से ही संक्रमण के मामले फिर तेजी से बढ़ने लगे। अप्रैल और मई में दूसरी लहर अपने चरम पर थी। एक अप्रैल से 31 मई यानी 61 दिनों तक कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई। इस दौरान 1.60 करोड़ नए मरीज मिले और 1.69 लाख लोगों की मौत हुई। यानी हर दिन औसतन 2,769 मरीजों की मौत हुई। दूसरी लहर का पीक 6 मई, 2021 को आया था। तब एक दिन में 4.14 लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे।
- तीसरी लहर : ओमिक्रॉन की वजह से देश में तीसरी लहर की शुरुआत हुई। 27 दिसम्बर 2021 से तीसरी लहर शुरू हुई। 21 जनवरी को इसका पीक आया। उस दिन 3.47 लाख मामले सामने आए थे। फिर संक्रमण कम होने लगा। तीसरी लहर संक्रामक थी, लेकिन जानलेवा नहीं थी। मात्र महीनेभर में ही तीसरी लहर में भारत में 50.05 लाख नए मरीज मिल चुके थे जबकि 10 हजार 465 लोगों की मौत हुई थी।