कोलकाता, 12 अक्टूबर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल में दक्षिण दमदम नगर पालिका में भर्ती में कथित अनियमितताओं के संबंध में की गई छापेमारी के दौरान 45 लाख रुपये अघोषित नकद राशि, आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं। एजेंसी ने एक बयान में यह जानकारी दी। एजेंसी के कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों ने घोटाले की जांच के सिलसिले में पश्चिम बंगाल के अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस के आवास और कंपनियों सहित कोलकाता और उसके आसपास 13 स्थानों पर शुक्रवार को छापे मारे थे।
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा शनिवार शाम जारी बयान में कहा गया, ‘‘छापेमारी के दौरान संपत्ति से संबंधित दस्तावेजों समेत कई आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और 45 लाख रुपये की अघोषित नकद राशि जब्त की गई।’’ निदेशालय के दलों ने साल्ट लेक स्थित मंत्री के आवास-सह-कार्यालय, नगरबाजार इलाके में एक पार्षद के आवास और दक्षिण दमदम नगर पालिका के पूर्व अधिकारियों के आवासों पर शुक्रवार को छापेमारी की थी।
बोस ने केंद्रीय एजेंसी पर ‘‘चुनाव से पहले उन्हें राजनीतिक रूप से निशाना बनाने’’ का आरोप लगाया है। बोस ने कहा था, ‘‘जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, ये छापे मारे जाते हैं। यह कार्रवाई विपक्षी दलों के नेताओं के लिए होती है। यह कोई नयी बात नहीं है। उन्होंने पहले भी मेरी संपत्तियों पर छापे मारे हैं और मेरे खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है। यह चुनाव से पहले दबाव बनाने की एक रणनीति है।’’
मंत्री ने दावा किया था कि उनकी ईमानदारी का प्रमाण पत्र अंततः जनता देगी, कोई एजेंसी नहीं। उन्होंने कहा था, ‘‘जांच एजेंसी को अपना काम करने दीजिए। हम अपना काम करेंगे। वे भ्रष्टाचार की बात तो करते हैं लेकिन जरूरी सबूत पेश नहीं करते। जनता सब जानती है।’’इससे पहले, जनवरी 2024 में प्रवर्तन निदेशालय ने तृणमूल कांग्रेस के नेता के स्वामित्व वाले आवासों और एक कार्यालय समेत कुछ संपत्तियों की तलाशी ली थी और उसी मामले के संबंध में उनसे पूछताछ की थी।
एजेंसी ने 14 घंटे की छापेमारी के बाद कुछ दस्तावेज और नेता का मोबाइल फोन जब्त कर लिया था जिसके बाद बोस ने कहा था कि अगर जांचकर्ता यह साबित कर दें कि उन्होंने ‘‘मंत्रिस्तरीय सेवाओं के बदले लोगों से एक रुपया भी स्वीकार किया है तो वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा तुरंत भेज देंगे।’’

