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वाराणसी : वयोवृद्ध भाजपा नेता और 7 बार के पूर्व विधायक श्यामदेव राय चौधरी ‘दादा’ का निधन

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वाराणसी, 26 नवम्बर। भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध लोकप्रिय नेता, उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री व वाराणसी शहर दक्षिणी से सात बार विधायक रह चुके श्यामदेव राय चौधरी ‘दादा’ का आज सुबह निधन हो गया। 85 वर्षीय श्यामदेव ‘दादा’ ने शहर के रवींद्रपुरी स्थित ओरियाना हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। श्यामदेव ‘दादा’ की मृत्यु की खबर से काशी में उनके समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई।

पिछले कुछ दिनों से उम्र संबंधी समस्याओं से पीड़ित श्यामदेव ‘दादा’ को ब्रेन हेमरेज की शिकायत पर गत पांच नवम्बर को भर्ती कराया गया था। वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले मंगलवार को उनकी खैरियत पूछी थी। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा सहित तमाम राजनेता उन्हें देखने अस्पताल गए थे।

पीएम मोदी बोले – काशी के साथ राजनीतिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति

इस बीच वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्यामदेव राय चौधरी के निधन पर शोक जताया और कहा कि उनका जाना काशी के साथ ही पूरे राजनीतिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “जनसेवा में जीवनपर्यंत समर्पित रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता श्यामदेव राय चौधरी जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। स्नेह भाव से हम सभी उन्हें ‘दादा’ कहते थे। उन्होंने न केवल संगठन को सींचने और संवारने में अहम योगदान दिया, बल्कि काशी के विकास के लिए भी वे पूरे समर्पण भाव से जुटे रहे। उनका जाना काशी के साथ-साथ पूरे राजनीतिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में ईश्वर उनके परिजनों और समर्थकों को संबल प्रदान करे।”

वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी श्यामदेव ‘दादा’ के निधन को भाजपा परिवार की अपूरणीय क्षति करार दिया है। उन्होंने एक्स पर अपनी शोक संवेदना में लिखा, ‘ वरिष्ठ राजनेता एवं पूर्व विधायक श्री श्यामदेव राय चौधरी जी (दादा) का निधन अत्यंत दुःखद और भाजपा परिवार की अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को सद्गति तथा शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहन करने की प्रदान प्रदान करें। ॐ शांति!’

वाराणसी की जनता के बीच श्यामदेव ‘दादाके नाम से लोकप्रिय थे

वाराणसी की जनता के बीच श्यामदेव ‘दादा’ के नाम से लोकप्रिय चौधरी वर्ष 1989 से 2017 तक लगातार विधायक रहे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ता के रूप में वर्ष 1968 में सभासद के तौर पर अपना सियासी सफर शुरू करने वाले श्यामदेव ‘दादा’ को 1985 में अपने पहले विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन दादा ने इस हार से सबक लिया। इसके बाद 1989 से जीत का सफर शुरू किया तो 2017 तक शहर दक्षिणी की रहनुमाई करते आए। 2017 में टिकट कटने के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास का एलान कर दिया था।

ईमानदार छवि के नेता श्यामदेव दादा की सादगी के लोग कायल रहे

बनारसी अंदाज में जिंदगी जीने वाले भाजपा के संस्थापक नेताओं में शामिल श्यामदेव ‘दादा’ की छवि ईमानदार नेता की रही और उनकी सादगी के लोग कायल रहे। आज के दौर में जब विधायक बनने वाला व्यक्ति लाव-लश्कर और पूरे तामझाम के साथ घूमता है तो वहीं दादा को पैदल, रिक्शा, किसी क्षेत्रीय परिचित की बाइक या ऑटो रिक्शा में सहज अंदाज में घूमते देखा जा सकता था। वस्तुतः श्यामदेव ‘दादा’ की छवि जनता के नेता के तौर पर रही, जो कई बार अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर आवाज उठाया करते थे।

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