लखनऊ, 30 जून। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) धर्मांतरण मामले में शामिल अभियुक्तों की संपत्तियां जल्द ही जब्त करने की काररवाई शुरू करेगा। इसी क्रम में मामले की जांच कर रही यूपी एटीएस भी रैकेट के सदस्यों के बैंक खातों को जब्त कर उनकी जांच का आयकर विभाग से आग्रह करेगा।
यूपी एटीएस के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को काजी जहांगीर आलम और मुहम्मद उमर गौतम को दोबारा रिमांड पर लेने की अर्जी कोर्ट में दी जाएगी। एटीएस ने उन्हें दो दिन की रिमांड पर लिया था। अब दोबारा रिमांड की कोशिश की जाएगी। जांच एजेंसी का मानना है कि उनसे पूछताछ में विदेशी फंडिंग के साथ ही अन्य आतंकी नेटवर्क की पड़ताल की जानी है।
इसी क्रम में गिरफ्तार किए गए तीन अन्य अभियुक्तों – मुन्ना यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, इरफान शेख और राहुल भोला को भी रिमांड पर लेने की तैयारी है। जांच एजेंसी उनसे भी धर्म परिवर्तन रैकेट के संबंध में गहन छानबीन करना चाहती है।
उमर गौतम के बैंक खातों में 1.80 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जमा
गौरतलब है कि एटीएस को रैकेट के मुख्य आरोपितों में एक मोहम्मद उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावाह सेंटर (आईडीसी) के खाते में 1.80 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जमा होने की जानकारी मिली है। इसमें अधिकतर धनराशि कतर, दुबई और अबुधाबी से स्थानांतरित की गई है। इसके अलावा रैकेट के तार कनाडा व फिलीपींस से भी जुड़े हुए हैं।
उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी से रिमांड के दौरान पूछताछ में एटीएस को पता चला है कि गौतम ने अपने और करीबियों के बैंक खातों में विदेशों से फंडिंग प्राप्त की है। इन खातों में इस्लामिक देशों के साथ ही कनाडा से भी बड़ी धनराशि भेजी गई है।