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असंतुष्ट विधायक सामने आकर बोल दें…मैं मुख्यमंत्री पद के साथ शिवसेना अध्यक्ष पद भी छोड़ने को तैयार हूं : उद्धव ठाकरे

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मुंबई, 22 जून। महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि शिवसेना कभी हिन्दुत्व से दूर नहीं रही और ना कभी रहेगी। अगर एकनाथ शिंदे या असंतुष्ट विधायक सामने आकर बोल दें तो वह मुख्यमंत्री पद के साथ शिवसेना अध्यक्ष पद भी छोड़ने के लिए तैयार हैं।

शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे की अगुआई में कथित तौर पर पार्टी के दो तिहाई से ज्यादा विधायकों के बागी तेवरों से सरकार के सामने उपजे संकट के बीच उद्धव ठाकरे ने 17 मिनट लंबे वेबकास्ट में कहा अगर शिव सैनिकों को लगता है कि वह (ठाकरे) पार्टी का नेतृत्व करने में सक्षम नहीं हैं तो वह शिवसेना पार्टी के अध्यक्ष का पद भी छोड़ने के लिए तैयार हैं।

स्मरण रहे कि उद्धव ठाकरे में बुधवार को ही कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है, इसी वजह से उन्होंने वेबकास्ट के जरिए राज्य की जनता को संबोधित किया। इसके पूर्व उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ही जरिए कैबिनेट की मीटिंग ली और शिवसेना विधायकों की बैठक भी आहूत की।

ठाकरे ने कहा, ‘अगर मेरे खिलाफ एक भी वोट विरोध में जाता है तो में मुख्यमंत्री पद छोड़ने को तैयार हूं। मेरी तबीयत खराब होने के चलते मैं लोगों से नहीं मिल रहा था, लेकिन अब मैं लोगों से मिल रहा हूं। मैंने पहली कैबिनेट मीटिंग अस्पताल से की थी।’

सब लोगों ने मेरा समर्थन किया, लेकिन अपने ही लोगों ने समर्थन नहीं किया

उन्होंने कहा, ‘खबरें चल रही हैं कि शिवसेना के कुछ विधायक गायब हैं। आज सुबह कमल नाथ और शरद पावर का कॉल आया था और उन्होंने मुझपर विश्वास दिखाया है, लेकिन मेरे लोग ही सवाल उठा रहे हैं तो मैं क्या करूं? सब लोगों ने मेरा समर्थन किया, लेकिन अपने ही लोगों ने समर्थन नहीं किया। सूरत और दूसरी जगह जाने से अच्छा मेरे सामने आकर बोलते तो बेहतर था।’
सीएम ठाकरे ने कहा, ‘सूरत और अन्य जगहों से बयान क्यों दे रहे हैं? मेरे सामने आकर मुझसे कह दें कि मैं मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष के पदों को संभालने में सक्षम नहीं हूं। मैं तत्काल इस्तीफा दे दूंगा। मैं अपना इस्तीफा तैयार रखूंगा और आप आकर उसे राजभवन ले जा सकते हैं।’

मुख्यमंत्री पद पर किसी शिव सैनिक को अपना उत्तराधिकारी देखकर मुझे खुशी होगी

उद्धव ने कहा, ‘मुख्यमंत्री पद पर किसी शिव सैनिक को अपना उत्तराधिकारी देखकर मुझे खुशी होगी। मैंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के सुझाव पर अपनी अनुभवहीनता के बावजूद मुख्यमंत्री का पद संभाला।’