चेन्नई, 29 सितम्बर। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने बेटे उदयनिधि स्टालिन को कैबिनेट में प्रोन्नत करते हुए उन्हें राज्य का डिप्टी सीएम बना दिया है। अन्य फेरबदल के तहत जेल से जमानत पर बाहर आए सेंथिल बालाजी को एक बार फिर मंत्री बना दिया गया है। राज्यपाल आर.एन. रवि ने रविवार को अपराह्न राजभवन में आयोजित संक्षिप्त समारोह में नेताओं को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
उदयनिधि ने उम्मीदों पर खरा उतरने का भरोसा दिलाया
उदयनिधि स्टालिन ने अपने दादा और राज्य के पूर्व सीएम एम करुणानिधि को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है, उम्मीद हैं कि उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। उन्होंने कहा कि बीते दिनों मुख्यमंत्री ने डिप्टी सीएम के तौर पर उनके नाम का एलान किया था, जिसके लेकर वह उनके आभारी हैं। अपने खिलाफ जारी आलोचनाओं को लेकर उन्होंने कहा कि वह कोशिश करेंगे कि सभी के लिए सर्वश्रेष्ठ काम करें।
भाजपा ने की सीएम स्टालिन के फैसले की निंदा
फिलहाल राज्य भाजपा अध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने स्टालिन सरकार में हुए इस फेरबदल की आलोचना करते हुए कहा कि वह मंत्री पद के लिए परिपक्व ही नहीं है, मुख्यमंत्री बनना तो बहुत दूर की बात है। उन्होंने उदयनिधि के सनातन धर्म वाले बयान का जिक्र किया कि वह सनातन को अपमानित करते हैं। जो कहता है कि सनातन धर्म को मिटा देंगे, उसे मुख्यमंत्री बनाना क्या उचित होगा।
सनातन को लेकर क्या बोले थे उदयनिधि स्टालिन?
गौरतलब है कि पिछले वर्ष उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान दिया था और इसकी तुलना कीट पतंगों तक से कर डाली थी। उदयनिधि ने कहा था, ‘कुछ चीजों का सिर्फ विरोध ही नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें जड़ से खत्म किया जाना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना वायरस का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे खत्म करना ही होगा।’ उनके इस बयान ने पूरे देश में बवाल मचा दिया था और भाजपा सहित कई राजनीतिक दलों ने उनके इस बयान की निंदा की थी।
DMK में स्टालिन के उत्तराधिकारी होंगे उदयनिधि स्टालिन?
माना जा रहा है कि राज्य की राजनीति में भाजपा ज्यादा आक्रामक हो सकती है और स्टालिन सरकार पर उसके हमले बढ़ सकते हैं। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सीधे तौर पर यह भी एलान कर दिया है कि डीएमके में उनके बाद पार्टी के सर्वेसर्वा यानी नंबर दो उदयनिधि स्टालिन ही होंगे। यह देखना होगा कि स्टालिन का यह संकेत डीएमके में वरिष्ठ नेताओं के बीच क्या असर डालता है।