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सुशील कुमार शिंदे ने मानी गलती, बोले – ‘भगवा आतंकवाद को लेकर मैंने जो कुछ कहा, वह पार्टी का मत था’

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नई दिल्ली, 20 अक्टूबर। मनमोहन सिंह सरकार में गृह मंत्री रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने ‘भगवा आतंकवाद’ पर पूर्व में की गईं अपनी टिप्पणियों को लेकर गलती मानी है और कहा है वह ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहते थे।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके शिंदे से बीते दिनों एक पॉडकास्ट में जब भगवा आतंकवाद शब्द के इस्तेमाल को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘उस समय रिकॉर्ड पर जो आया था, उन्होंने वही कहा था। यह मेरी पार्टी (कांग्रेस) ने मुझे बताया था कि भगवा आतंकवाद हो रहा।’

इस तरह का कोई आतंकवाद नहीं होता

सुशील शिंदे ने आगे कहा, ‘उस समय मुझसे पूछा गया था तो मैंने भगवा आतंकवाद बोल दिया था। लेकिन मैंने भगवा के साथ आतंकवाद शब्द क्यों लगाया, मुझे नहीं पता। इसे लगाना नहीं चाहिए था, यह गलत था। भगवा हो, या रेड हो या फिर सफेद। इस तरह का कोई आतंकवाद नहीं होता है।’

पीएम मोदी की तारीफ भी की, बोले – वह काफी हार्ड वर्किंग हैं

उल्लेखनीय तो यह रहा कि इस पॉडकास्ट दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की। उन्होंने कहा, ‘जब हम यूपीए-2 सरकार में थे तो उस समय किसी को नहीं लगा था कि वह तीन बार केंद्र में अपनी सरकार बना सकते हैं और तीन बार प्रधानमंत्री बन जाएंगे। लेकिन वह काफी हार्ड वर्किंग हैं।’

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, ‘उस समय मैं हिमाचल का जनरल सेकेट्री भी था, वह भी जनरल सेकेट्री थे। जब वह मुख्यमंत्री थे, तो मैं भी मुख्यमंत्री था। जब मैं ऊर्जा मंत्री था तो मोदी गुजरात के लिए पॉवर मांगने मेरे पास आते थे। हालांकि, उनपर ज्यादा टिप्पणी नहीं करनी चाहिए क्योंकि वह दूसरी पार्टी के हैं।’

चिदंबरम ने किया था इस शब्द का इस्तेमाल

उल्लेखनीय है कि सुशील शिंदे ने 20 जनवरी, 2013 को जयपुर में आयोजित कांग्रेस के चिंतन शिविर के दौरान कहा था कि भाजपा और आरएसएस के शिविरों में हिन्दू आंतकवादियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। ये सब कई बार अखबार में आ चुका है। ये कोई नई चीज नहीं है। इससे पहले 25 अगस्त, 2010 को कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने भी इसी शब्द (भगवा आतंकवाद) का इस्तेमाल किया था।

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