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सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह कानून पर केंद्र से पूछा – 24 घंटे में बताएं, इसके गलत इस्तेमाल को कैसे रोकेंगे

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नई दिल्ली, 10 मई। पिछले कुछ वर्षों से देशद्रोह कानून के इस्तेमाल पर अक्सर होने वाले विवाद और सियासत को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से पूछा कि इस कानून का गलत तरीके से इस्तेमाल न हो, इसके लिए कैसे सुनिश्चित किया जाए?

शीर्ष अदालत ने केंद्र से इस सवाल का 24 घंटे यानी बुधवार तक जवाब मांगा है। साथ ही सरकार को यह भी सलाह दी है कि उसे इस कानून का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। अब केंद्र बुधवार को देशद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछे अहम सवाल

उच्चतम न्यायालय ने मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से इस कानून से जुड़े कई सवाल पूछे। कोर्ट ने पूछा कि इस कानून पर सरकार कब तक कोई फैसला ले लेगी और तब तक इस कानून का दुरुपयोग न हो, यह कैसे सुनिश्चित किया जाएगा? साथ ही जो लोग इस कानून के तहत जेल में बंद हैं, उनका क्या होगा?

शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को सुझाया कि क्या ये हो सकता है कि सरकार खुद ही इस कानून का इस्तेमाल न करे, जब तक केंद्र सरकार इस मामले पर कोई फैसला नहीं ले लेती।

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा – सरकार समय सीमा नहीं बता रही

कोर्ट ने कहा कि देशद्रोह कानून का जमीन पर पालन पुलिस करती है। यदि इस कानून को सरकार स्वयं खत्म करती है तो इसका इस्तेमाल बंद हो जाएगा। याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल ने अपनी दलील में कहा कि सरकार इस कानून को कब रद करेगी, इसकी कोई-समय सीमा नहीं बता रही है। ऐसे में इस कानून का गलत तरीके से इस्तेमाल आगे भी होता रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की मंशा की तारीफ भी की

देश की सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार की तारीफ भी की। दरअसल, अदालत ने केंद्र के उस हलफनामे की प्रशंसा की है, जिसमें केंद्र ने यह लिखा है कि वह अंग्रेजी हुकूमत के द्वारा बनाए गए कानूनों को धीरे-धीरे खत्म कर रही है। इसी क्रम में पीएम मोदी खुद देशद्रोह कानून पर भी विचार कर रहे हैं।

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