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शरद पवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका – चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ के इस्तेमाल पर रोक की मांग खारिज

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नई दिल्ली, 24 अक्टूबर। शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी-एसपी) को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले गुरुवार को बड़ा झटका लगा, जब सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार की अगुआई वाले धड़े को चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ का इस्तेमाल करने से रोकने की सीनियर पवार की मांग खारिज कर दी। एनसीपी (शरद पवार) ने गत दो अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की थी।

शीर्ष अदालत ने अजित पवार गुट को भी दी हिदायत, शपथ पत्र मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि अजित पवार से भी इस आशय का शपथ पत्र मांगा कि वह घड़ी चिह्न के साथ कोर्ट में लंबित डिस्क्लेमर लगाने के आदेश का पालन करेंगे। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘हम उन्हें (अजित पवार) जवाब देने का मौका देंगे। वह हलफनामा भी दें कि भविष्य में हमारे आदेश का उल्लंघन नहीं होगा। साथ ही यह भी लिखें कि उन्होंने पहले भी ऐसा नहीं किया है।’

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘अजित पवार हलफनामा दें कि वे हमारे 19 मार्च और चार अप्रैल के आदेशों का पालन कर रहे हैं।’ इस मामले में अगली सुनवाई छह नवम्बर को होगी। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने अजित पवार की एनसीपी को असली करार देते हुए उन्हें पार्टी चुनाव चिह्न (घड़ी) इस्तेमाल करने का अधिकार दिया था।

दोनों गुटों के अधिवक्ताओं के बीच हुई तीखी बहस

सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान दोनों गुटों के अधिवक्ताओं के बीच तीखी बहस भी हुई। शरद पवार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘मार्च में हुई सुनवाई में कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि हमें भी तुरही का चुनाव चिह्न आवंटित किया जाए। अजित पवार को घड़ी के चिह्न के साथ यह लिखने को कहा गया था कि मामला अभी कोर्ट में लंबित है। उन्होंने इसका ठीक से पालन नहीं किया। लोग शरद पवार के साथ घड़ी के चिह्न को पहचानते हैं।’

सिंघवी ने दी डिस्क्लेमर वाली दलील

अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील देते हुए कहा, ‘उन्होंने (अजित पवार) कोर्ट के आदेश के अनुसार डिस्क्लेमर नहीं लगाया। हमने तस्वीरें कोर्ट में जमा कर दी हैं। अब उन्हें इसके लिए सजा मिलनी चाहिए।’ इस पर अजित पवार के वकील बलबीर सिंह ने कहा, ‘उन्हें कुछ जिम्मेदारी दिखानी चाहिए। कोर्ट में गलत तस्वीरें पेश की जा रही हैं। एक-दो मामलों में टेंट हाउस मालिक की गलती हो सकती है। इस आधार पर हम पर आरोप नहीं लगाया जा सकता।’

सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई मांग

बलबीर सिंह ने कहा कि ये तस्वीरें सीधे कोर्ट में रखी गई हैं। हम अचानक इसका जवाब कैसे दे सकते हैं? हमें इस याचिका की कॉपी पहले मिल जानी चाहिए थी। उन्होंने (शरद पवार गुट) लोकसभा चुनाव के दौरान भी यही बात कही थी। कोर्ट ने घड़ी चुनाव चिह्न हमारे पास रहने दिया। अब इस पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए।’ इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने घड़ी चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर रोक लगाने की शरद पवार की मांग खारिज कर दी।

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