नई दिल्ली, 11 अगस्त। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को धनशोधन मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को दो माह की अंतरिम जमानत दे दी। राज्य में विपक्षी राकांपा ने पार्टी की ‘मजबूत और बुलंद आवाज’ को राहत देने के शीर्ष अदालत के आदेश का स्वागत किया है।
एनसीपी ने शीर्ष अदालत के आदेश का किया स्वागत
शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा, ‘पार्टी नवाब मलिक का तहे दिल से स्वागत करती है। हम उनकी वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वह पार्टी की मजबूत और ऊंची आवाज रहे हैं और यह जानकर अच्छा लगा कि अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है।’
चिकित्सीय आधार पर मिली है जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने मलिक को मेडिकल आधार पर दो माह की अंतरिम जमानत दी है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में 13 जुलाई को नवाब मलिक को मेडिकल आधार जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद मलिक ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने कहा कि मलिक गुर्दे की बीमारी और अन्य बीमारियों के कारण अस्पताल में हैं, इसलिए उन्हें चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी जाती है। बेंच ने कहा, ‘हम मामले में सख्ती से चिकित्सा आधार पर मलिक को जमानत देने का आदेश पारित कर रहे हैं।’
23 फरवरी, 2022 को गिरफ्तार किए गए थे नवाब मलिक
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मंत्री नवाब मलिक को पिछले वर्ष 23 फरवरी को कुर्ला में गोवावाला कंपाउंड संपत्ति पर दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था, जो कथित तौर पर भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम से जुड़ा था। वह मार्च, 2022 से न्यायिक हिरासत में हैं और पिछले वर्ष मई से कुर्ला के क्रिटिकेयर अस्पताल में भर्ती हैं। विशेष अदालत ने कहा था कि वह अगले आदेश तक अस्पताल में ही रहेंगे।
मलिक के अजित गुट में शामिल होने की चर्चा
उल्लेखनीय है कि एनसीपी में टूटने के बाद अब नवाब मालिक को राकांपा प्रमुख शरद पवार के साथ रहना होगा या पवार के भतीजे अजीत गुट के साथ सरकार में शामिल होना होगा। अजित पवार भाजपा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ सरकार में शामिल होने के बाद से महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में अपनी रिहाई के लिए मलिक के अजित गुट में शामिल होने की चर्चा है।