नई दिल्ली, 29 मई। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार को पूर्वाह्न 11.30 बजे ओडिशा में भारतीय वायु सेना के सुखोई-30 एम के-वन प्लेटफॉर्म से हवा से सतह पर मार करने वाली रुद्र एम-II मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि परीक्षण के सभी उद्देश्यों को पूरा किया गया।
इस महत्वपूर्ण परीक्षण ने प्रपल्शन प्रणाली और नियंत्रण एवं पथप्रदर्शन से संबंधित आंकड़ों की सटीकता पर खरा उतरने के साथ परीक्षण के सभी उद्देश्यों को पूरा किया। इस मिसाइल परीक्षण के दौरान प्रत्येक गतिविधि को ऑन-बोर्ड जहाज सहित विभिन्न स्थानों पर चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज द्वारा तैनात इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम, रडार तथा टेलीमेट्री स्टेशनों जैसे रेंज ट्रैकिंग उपकरणों के माध्यम से प्राप्त किए गए आंकड़ों से मान्य किया गया है।
पूर्ण रूप से देश में विकसित मिसाइल प्रणाली है रुद्र एम-II
रुद्र एम-II एक स्वदेशी रूप से विकसित ठोस ईंधन से चलने वाली वायु-प्रक्षेपित मिसाइल प्रणाली है, जो शत्रु के कई प्रकार के हथियारों को नष्ट करने के लिए हवा से सतह पर मार करने में सक्षम है। इस मिसाइल प्रणाली में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की विभिन्न प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित की हुई कई अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है।
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रुद्र एम-II की सफल परीक्षण-उड़ान पर डीआरडीओ, वायु सेना और रक्षा उद्योग को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि रूद्र एम-II प्रणाली के सफल परीक्षण से भारतीय वायुसेना की क्षमताएं कई गुना बढ़ जाएंगी। वहीं डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी सफल उड़ान परीक्षण में अथक प्रयासों और योगदान के लिए अपनी टीम की सराहना की।