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महाराष्ट्र : शिवाजी की प्रतिमा ढहने के मामले में आरोपित  स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल गिरफ्तार

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कोल्हापुर, 30 अगस्त। महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में शुक्रवार को एक आरोपित कोल्हापुर से स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल को गिरफ्तार कर लिया गया। कोल्हापुर क्राइम ब्रांच ने तड़के तीन बजे के आसपास मालवन पुलिस के साथ ज्वॉइंट ऑपरेशन के तहत गिरफ्तार किया। इसके बाद कोल्हापुर पुलिस ने आरोपित को मालवन पुलिस को सौंप दिया।

पुलिस ने इससे पहले एफआईआर में कॉन्ट्रैक्टर और आर्किटेक्ट जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसलटेंट चेतन पाटिल को आरोपित बनाया था। एफआईआर में जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल पर लापरवाही और प्रतिमा के आसपास के लोगों को संभावित रूप से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।

पीएम मोदी ने प्रतिमा गिरने पर सिर झुका कर माफी मांगी

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को ही दिन में महाराष्ट्र दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिवाजी की प्रतिमा गिरने की घटना को लेकर सिर झुकाकर माफी मांगी थी। पालघर जिले में 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखने के साथ 1,560 करोड़ रुपये की 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के उपरांत एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे देवता हैं। मैं उनसे माफी मांगता हूं। कुछ लोग वीर सावरकर को गाली देते रहते हैं, लेकिन उनके अपमान के लिए माफी मांगने को तैयार नहीं हैं।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘आज इस कार्यक्रम के बारे में बात करने से पहले मैं अपने दिल की भावनाएं व्यक्त करना चाहता हूं। जब 2013 में भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया, तो सबसे पहले मैंने रायगढ़ किले में जाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने बैठकर प्रार्थना की और उनका आशीर्वाद लिया। पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो कुछ भी हुआ, मेरे और मेरे सभी साथियों के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम नहीं हैं, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आराध्य देवता हैं। मैं आज अपने आराध्य देव की चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं।’

पीएम मोदी ने पिछले वर्ष दिसम्बर में किया था प्रतिमा का अनावरण

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने ही गत वर्ष चार दिसम्बर को छत्रपति शिवाजी महाराज की 35-फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया था, जब सिंधुदुर्ग में पहली बार नौसेना दिवस समारोह का आयोजन किया गया था। प्रतिमा का मकसद मराठा नौसेना की विरासत और छत्रपति शिवाजी महाराज के समुद्री रक्षा और सुरक्षा में योगदान के साथ-साथ आधुनिक भारतीय नौसेना के साथ इसके ऐतिहासिक संबंध का सम्मान करना था। इस प्रोजेक्ट का कॉन्सेप्ट और नेतृत्व इंडियन नेवी ने राज्य सरकार के सहयोग से किया था। सरकार ने प्रोजेक्ट के लिए फंड मुहैया कराया था।