नई दिल्ली, 17 जुलाई। भारत सरकार ने नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए फॉरेन मिलिट्री सेल्स के तहत अमेरिका से एमएच-60आर हेलीकॉप्टर खरीदने का करार किया है। इसके तहत अमेरिका ने शुक्रवार को भारतीय नौसेना को ऐसे दो मल्टी रोल हेलीकॉप्टरों (एमआरएच) की पहली खेप सौंपी। नौसेना को लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित ऐसे 24 हेलीकॉप्ट मिलने हैं, जिनकी अनुमानित लागत 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
सैन डिएगो के नार्थ आईलैंड स्थित नेवल एयर स्टेशन में शुक्रवार को आयोजित एक समारोह में अमेरिकी नौसेना से भारतीय नौसेना में हेलीकॉप्टरों के औपचारिक ट्रांसफर को मार्क किया गया। भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू की मौजूदगी के बीच वाइस एडमिरल केनेथ ह्वाइटसेल, कमांडर नेवल एयर फोर्सेज, यूएस नेवी और वाइस एडमिरल रवनीत सिंह, डिप्टी चीफ ऑफ नेवल स्टाफ के बीच दस्तावेजों की प्रक्रिया पूरी की गई। समारोह में अमेरिकी नौसेना और लॉकहीड मार्टिन कॉरपोरेशन का शीर्ष नेतृत्व भी मौजूद रहा।
- मल्टी रोल हेलीकॉप्टर हर मौसम में कारगर
भारतीय राजदूत संधू ने कहा कि हर मौसम में काम करने वाले मल्टी रोल हेलीकॉप्टरों को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल करना भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
संधू ने कहा कि भारत और अमेरिका की दोस्ती नए आयाम पर है और बीते कुछ वर्षों में द्विपक्षीय रक्षा व्यापार बढ़कर 20 अरब डॉलर से अधिक हो गया है। उन्होंने कहा कि रक्षा व्यापार से आगे बढ़ते हुए, भारत और अमेरिका रक्षा प्लेटफॉर्मों के प्रोडक्शन और को-डेवलेपमेंटर पर भी साथ काम कर रहे हैं।
- भारतीय नौसेना की त्रिकोणीय ताकतें बढ़ेंगी
ज्ञातव्य है कि एमएच-60आर हेलीकॉप्टर एक ऑल वेदर हेलीकॉप्टर है, जिसे अत्याधुनिक एवियोनिक्स के साथ कई मिशन में इस्तेमाल करने के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया है। इन चॉपरों को शामिल करने से भारतीय नौसेना की त्रिकोणीय क्षमताएं बढ़ेंगी। इन हेलीकॉप्टरों को भी कई अत्याधुनिक उपकरणों और हथियारों के साथ लैस किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार भारतीय नौसेना का पहला जत्था इस समय अमेरिका में प्रशिक्षण ले रहा है। प्रस्तावित बिक्री भारत को एंटी सरफेस और एंटी सबमरीन युद्ध अभियानों की दिशा में मजबूत करेगा। भारत की क्षमता कई स्तरों पर बढ़ेगी। गौरतलब है कि भारतीय कैबिनेट ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक यात्रा से कुछ हफ्तों पहले फरवरी, 2020 में इन हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी।