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श्री काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण को तैयार, पीएम मोदी ने की समारोह में शामिल होने की अपील

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वाराणसी, 12 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम (कॉरिडोर) अपने लोकार्पण को तैयार हैं। पीएम मोदी खुद इसका लोकार्पण करेंगे और इस निमित्त अपने संसदीय क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर वह सोमवार को वाराणसी आएंगे।

पीएम मोदी ने रविवार को एक ट्वीट में भी इस आशय की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा, ‘ कल, 13 दिसंबर एक ऐतिहासिक दिन है। काशी में विशेष कार्यक्रम में श्री काशी विश्वनाथ धाम परियोजना का उद्घाटन होगा। इससे काशी की वाराणसी की आध्यात्मिक ऊर्जा में अपार वृद्धि होगी। मैं आप सभी से कल के कार्यक्रम में शामिल होने का आग्रह करता हूं।’

339 करोड़ की लागत से किया गया है परिसर का निर्माण

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पीएम मोदी दोपहर लगभग एक बजे श्री काशी विश्‍वनाथ मंदिर जाएंगे। मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद वह श्री काशी विश्‍वनाथ धाम के पहले चरण के तहत नवनिर्मित परिसर का उद्घाटन करेंगे। इस परिसर का निर्माण करीब 339 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।

परियोजना के पहले चरण में 23 भवन बनाए गए हैं

परियोजना के पहले चरण में कुल 23 भवन बनाए गए हैं। इसमें श्री काशी विश्‍वनाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कई तरह की सुविधाएं उपलब्‍ध कराई गई हैं, जिनमें यात्री सुविधा केंद्र, मुमुक्षु भवन, भोग शाला, संग्रहालय, देखने वाली दीर्घा, रेस्‍तरां और अन्‍य कई तरह की सेवाएं शामिल हैं।

अब गंगा नदी से सीधे जल लेकर मंदिर तक पहुंचेंगे श्रद्धालु

दरअसल, प्रधानमंत्री की काफी समय से यह इच्‍छा थी कि बाबा विश्‍वनाथ के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को भीड़-भाड़ वाली गलियों और आसपास के इलाके से होने वाली दिक्‍कतों से छुटकारा दिलाया जा सके ताकि वे आसानी से गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगा सकें और वहां से गंगाजल लाकर मंदिर में चढ़ा सकें। उनकी इस इच्‍छा को श्री काशी विश्‍वनाथ धाम परियोजना के रूप में मूर्त रूप दिया गया है। इसके तहत गंगा नदी से श्री काशी विश्‍वनाथ मंदिर तक आसान पहुंच के लिए एक गलियारा भी बनाया गया है।

प्रधानमंत्री ने 8 मार्च, 2019 को किया था इस परियोजना का शिलान्‍यास

पीएम मोदी ने खुद आठ मार्च, 2019 को इस परियोजना का शिलान्‍यास किया था। यह परियोजना पांच लाख वर्ग फुट क्षेत्र में फैली है, जबकि इससे पहले काशी विश्‍वनाथ धाम परिसर केवल तीन हजार वर्ग फुट में सीमित था। कोविड महामारी की बाधाओं के बावजूद परियोजना का काम तय अविध में पूरा कर लिया गया।

मूल स्वरूप बनाए रखते हुए 40 प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार भी किया गया

प्रधानमंत्री की इच्‍छा थी कि नई परियोजना को आकार देते समय मंदिर के प्रचीन स्‍वरूप को पूरी तरह संरक्षित रखा जाए। उनकी इस इच्‍छा को ध्‍यान में रखते हुए परियोजना के तहत जब पुराने ढांचों को हटाया जा रहा था, तब 40 प्राचीन मंदिर मिले थे, जिनका जीर्णोद्धार किया गया और उनके मूल स्‍वरूप को बनाए रखा गया।

वाराणसी प्रवास के दौरान पीएम मोदी मध्याह्न 12 बजे काल भैरव मंदिर जाएंगे और शाम को छह बजे गंगा आरती में भाग लेंगे तथा रो-रो नौका सेवा का आनंद लेंगे। मंगलवार को दोपहर साढ़े तीन बजे प्रधानमंत्री स्‍वर्वेद महामंदिर में सद्गुरू सदाफलदेव विहंगम योग संस्‍थान के वार्षिक महोत्‍सव में हिस्‍सा लेंगे।

इस अवसर पर 12 राज्यों के मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे

वाराणसी की अपनी दो दिन के यात्रा के अवसर पर प्रधानमंत्री एक सम्‍मेलन में भी हिस्‍सा लेंगे। इस सम्‍मेलन में असम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्‍य प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, उत्‍तर प्रदेश और उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री शामिल होंगे। बिहार और नगालैंड के उप मुख्‍यमंत्री भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। यह सम्‍मेलन प्रधानमंत्री की टीम इंडिया भावना की परिकल्‍पना के अनुरूप सुशासन के बेहतरीन तौर तरीकों के बारे में विचार साझा करने का अवसर प्रदान करेगा।