Site icon Revoi.in

मनी लॉन्ड्रिंग केस : महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को झटका, पीएमएलए कोर्ट से जमानत याचिका खारिज

Social Share

मुंबई, 30 नवम्बर। मनी लॉन्ड्रिंग केस में पिछले नौ माह से न्यायिक हिरासत में चल रहे महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को बड़ा झटका लगा, जब पीएमएलए कोर्ट ने बुधवार को उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है। विशेष न्यायाधीश आर.एन.रोकडे ने गत 14 नवम्बर को दोनों पक्षों की ओर से दी गई लंबी दलीलों को सुनने के बाद मलिक की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। जज ने अपने आदेश में कहा कि कुर्ला के गोवावाला कंपाउंड की मालकिन मुनीरा प्लम्बर का बयान बेहद अहम है।

उल्लेखनीय है कि ईडी ने नवाब मलिक को इसी वर्ष 23 फरवरी को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। हालांकि वह न्यायिक हिरासत में हैं, लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से फिलहाल मुंबई के कुर्ला के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है, जहां वह काफी समय से भर्ती हैं।

नवाब मलिक ने याचिका में कही थी ये बात

अदालत ने पहले कहा था कि वह अपना आदेश 24 नवम्बर को सुनाएगी। हालांकि, उस दिन अदालत ने यह कहते हुए मामले को 30 नवम्बर तक के लिए स्थगित कर दिया कि आदेश तैयार नहीं था। मलिक ने जुलाई में विशेष अदालत के समक्ष नियमित जमानत याचिका दायर की थी। एनसीपी नेता ने यह कहते हुए जमानत मांगी कि धनशोधन के लिए उन पर मुकदमा चलाने के लिए कोई आधार नहीं है।

ईडी ने किया था जमानत का विरोध

जांच एजेंसी ने दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से दर्ज मामले को आधार मानते हुए जमानत का विरोध किया था। ईडी ने दावा किया कि आरोपित दाऊद इब्राहिम और उसकी बहन हसीना पारकर के साथ काम कर रहा था और उसके निर्दोष होने का कोई सवाल ही नहीं है। नवाब मलिक के खिलाफ ईडी का मामला एनआईए की ओर से दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दायर प्राथमिकी पर आधारित है।