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सहारा इंडिया के मुखिया सुब्रत रॉय की मुश्किलें बढ़ीं, सेबी ने 15 दिनो के अंदर 6.48 करोड़ जमा करने को कहा

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नई दिल्ली, 14 जनवरी। सहारा इंडिया और उसके प्रमुख सुब्रत रॉय की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सहारा समूह की कम्पनी सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (एसएचआईसी), उसके प्रमुख सुब्रत रॉय और अन्य को नोटिस भेजी है। सेबी ने उन्हें 15 दिनों के अंदर 6.48 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा है और रुपये जमा नहीं करने पर परिसंपत्तियों और बैंक खातों को जब्त करने की चेतावनी भी दी है।

दरअसल सहारा इंडिया की ये कम्पनियां सेबी द्वारा लगाए गए जुर्माने को अदा करने में असफल रही हैं। इसके बाद उन्हें नोटिस जारी की गई है। सेबी ने जून में अपने आदेश में सहारा समूह की दो कम्पनियों – सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (अब सहारा कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन) और सुब्रत राय, अशोक राय चौधरी, रवि शंकर दुबे और वंदना भार्गव पर 12 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।

इन ईकाइयों पर यह जुर्माना वैकल्पिक पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर (ओएफसीडी) जारी करने में नियामकीय नियमों के उल्लंघन के लिए लगाया गया था। यह मामला सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन द्वारा 2008-09 के दौरान ओएफसीडी जारी करने से संबंधित है।

कभी स्कूटर पर नमकीन बेचते थे सुब्रत रॉय

एक समय था, जब सुब्रत रॉय स्कूटर पर नमकीन बेचा करते थे। वर्ष 1978 में सुब्रत रॉय ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर स्कूटर पर बिस्कुट और नमकीन बेचने का काम शुरू किया था। इसके बाद उन्होंने दोस्त के साथ मिलकर चिट फंड कम्पनी शुरू की थी। उन्होंने पैरा बैंकिंग की शुरूआत की। गरीब और मध्यम वर्ग को टारगेट किया। मात्र 100 रुपये कमाने वाले लोग भी उनके पास 20 रुपये जमा कराते थे।

देश की गलियों-गलियों तक उनकी यह स्कीम मशहूर हो गई थी। लाखों की संख्या में लोग सहारा के साथ जुड़ते चले गए थे। एक कमरे में दो कुर्सियां और एक स्कूटर के साथ उन्होंने दो लाख करोड़ रुपये तक का सफर तय कर किया। सपने बेचने में उन्हें महाराथ हासिल थी।

हर सेक्टर में फैलाया कारोबार

सुब्रत रॉय ने अपना कारोबार हर सेक्टर में फैला लिया था। पहले उन्होंने हाउसिंग डेवलपमेंट सेक्टर में कदम रखा। इसके बाद एक के बाद एक कई सेक्टरों में उनके पंख फैलते चले गए। रियल एस्टेट, फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया, एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रियर एस्टेट, रिटेल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी तक सहारा फैल चुका था। देश ही नहीं दुनियाभर में सहारा का डंका बज रहा था।

11 वर्षों तक सहारा भारतीय क्रिकेट टीम का स्पॉन्सर भी रहा

कम्पनी की बढ़ती आय और लोकप्रियता का यह आलम था कि 11 वर्षों तक सहारा भारतीय क्रिकेट टीम का स्पॉन्सर भी रहा। जैसे जैसे सहारा का कारोबार बढ़ता गया, सुब्रत रॉय की संपत्ति दो गुनी, चौगुनी होती चली गई। फिलहाल पिछले कुछ वर्षों में अन्यान्य कारणों से निवेशकों का विश्वास कम्पनी से उठता चला गया, जिसके कारण आज संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

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