नागपुर, 1 दिसम्बर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने परिवार के महत्व पर जोर देते हुए कहा है कि यदि किसी समाज की जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे चली जाती है तो वह समाज स्वतः नष्ट हो जाएगा।
जनसंख्या में कमी पर जताई चिंता
मोहन भागवत ने रविवार को यहां ‘कथले कुल सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि ‘कुटुम्ब’ समाज का हिस्सा है और हर परिवार एक यूनिट है। उन्होंने कहा, ‘जनसंख्या में कमी चिंता का विषय है, क्योंकि लोकसंख्या शास्त्र कहता है कि अगर हम 2.1 से नीचे चले गए तो वह समाज नष्ट हो जाएगा, उसे कोई नष्ट नहीं करेगा, वह खुद ही नष्ट हो जाएगा।’
जनसंख्या नीति कहती है कि वृद्धि दर 2.1 से कम नहीं होनी चाहिए
आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘हमारे देश की जनसंख्या नीति 1998 या 2002 के आसपास तय की गई थी। जनसंख्या नीति कहती है कि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से कम नहीं होनी चाहिए। हमें दो से अधिक की जरुरत है, यानी तीन (जनसंख्या वृद्धि दर के रूप में), यही जनसंख्या विज्ञान कहता है। यह संख्या महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे (समाज को) जीवित रहना चाहिए।’
अर्थशास्त्री शमिका रवि कम प्रजनन दर पर आकृष्ट करा चुकी हैं ध्यान
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य अर्थशास्त्री शमिका रवि ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर टिप्पणी की थी कि भारत के तीन-चौथाई से अधिक राज्यों में प्रजनन दर अब जनसंख्या स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक स्तर से कम है। ऐसे में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने मतदाताओं से अधिक बच्चे पैदा करने का आह्वान कर रहे हैं।
आंध्र प्रदेश सरकार कानून बनाने पर कर रही विचार
इसी क्रम में आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने बीते दिनों राज्य में बढ़ती उम्रदराज आबादी के प्रभावों के प्रति लोगों को आगाह किया था। उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार परिवारों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कानून बनाने पर विचार कर रही है, जो जनसंख्या नियंत्रण के उद्देश्य से पहले की नीतियों को पलट देगा।