मथुरा, 6 अगस्त। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को उत्तर प्रदेश में नई धार देने की मुहिम में जुट गए हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को टिकैत ने राज्य के किसानों से अपील की कि उन्हें किसान विरोधी सरकार के खिलाफ एकजुट होकर विरोध करना होगा। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि जब तक सरकार काले कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, यह आंदोलन समाप्त नहीं होगा।
राजधानी लखनऊ जाते समय यमुना एक्सप्रेस-वे पर बरौली गांव के पास भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान राकेश टिकैत ने मीडिया से कहा कि लखनऊ में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उसमें किसानों के सारे मुद्दों पर, जिन्हें सरकार नहीं मान नहीं है, बातचीत होगी। तीनों कषि कानून जब तक वापस नहीं होंगे और जब तक एमएसपी पर गारंटी कानून नहीं बनेगा, तब तक दिल्ली बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना समाप्त नहीं होगा।
‘हम नहीं चाहते कि सरकार हमसे घबराए, सिर्फ हमारी जायज मांगे मान ले’
राकेश टिकैत ने कहा, ‘मोदी सरकार घबरा नहीं रही, वह पूरा मुकाबला कर रही है। हम नहीं चाहते कि सरकार हमसे घबराए। बस जो हमारी जायज मांगें हैं, सरकार उनको मान ले।’ एमएसपी के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘इसमें बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है। यहां पर बाजरा एमएसपी पर नहीं बिक रहा है, लेकिन सरकार कह रही है कि बिक रहा है। बाजरा की बात छोड़िए गेहूं, चना, मूंग और सरसों इत्यादि कोई भी फसल एमएसपी पर नहीं बिक रही है। इसीलिए हम एमएसपी पर गारंटी कानून मांग रहे हैं।’
मुजफ्फरनगर में 5 सितम्बर को ऐतिहासिक महापंचायत होगी
उन्होंने कहा कि पांच सितम्बर को मुजफ्फरनगर में प्रस्तावित महापंचायत ऐतिहासिक होगी। उस दिन संयुक्त किसान मोर्चा का बड़ा और कड़ा फैसला होगा। किसानों का आंदोलन बिना किसी नतीजे के समाप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘नौ महीने से हमारा आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार बात नहीं मान रही है। सरकार किसानों की जमीन छीनना चाहती है। अकेले रामपुर में 11 हजार फर्जी किसान बनाकर धान खरीद की गई।’
राजधानी लखनऊ को घेरने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि किसानों ने बार-बार कहा है कि यदि केंद्र सरकार उनकी बात नहीं सुनती तो वे प्रत्येक प्रदेश में आंदोलन करेंगे। उसी कड़ी में उत्तर प्रदेश विधानसभा का घेराव भी किया जाएगा।