अहमदाबाद, 27 मई। गुजरात सरकार ने राजकोट स्थित ‘गेम जोन’ में लगी आग के संबंध में लापरवाही बरतने के आरोप में दो पुलिस निरीक्षकों और नगर निकाय कर्मचारियों सहित पांच अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का सोमवार को आदेश दिया। ‘गेम जोन’ में शनिवार शाम लगी भीषण आग में चार बच्चों सहित 27 लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य लोग झुलस गए।
एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि अधिकारियों को ‘‘आवश्यक अनुमति के बिना इस ‘गेम जोन’ को संचालित करने की अनुमति देखकर घोर लापरवाही बरतने का’’ जिम्मेदार ठहराया गया है। यह सामने आया है कि जिस ‘गेम जोन’ में शनिवार को आग लगी थी, वह आग सुरक्षा संबंधी अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना संचालित किया जा रहा था। राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘ ‘गेम जोन’ को सड़क और भवन विभाग से अनुमति मिल गई थी।
उसने आग सुरक्षा एनओसी प्राप्त करने के लिए अग्नि सुरक्षा उपकरण का प्रमाण भी जमा किया था। एनओसी मिलने की प्रक्रिया जारी थी और अभी पूरी नहीं हुई थी।’’ सरकार ने पांच अधिकारियों को निलंबित करने की कार्रवाई ऐसे समय में की है जब मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने शनिवार को उस जगह का निरीक्षण किया था जहां आग लगी थी।
उन्होंने संबंधित विभागों को ऐसी गंभीर घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त और दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। संबंधित विभागों द्वारा पारित आदेशों के अनुसार, जिन लोगों को निलंबित किया गया है, उनमें राजकोट नगर निगम (आरएमसी) के नगर नियोजन विभाग के सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, आरएमसी के सहायक नगर योजनाकार गौतम जोशी, राजकोट सड़क एवं भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एम आर सुमा और पुलिस निरीक्षक वी आर पटेल और एन आई राठौड़ शामिल हैं।
‘गेम जोन’ में आग लगने से 27 लोगों की मौत के बाद पुलिस ने इसके छह साझेदारों और एक अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गुजरात उच्च न्यायालय ने ‘गेम जोन’ में आग लगने की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे प्रथम दृष्टया ‘‘मानव निर्मित आपदा’’ बताया। पीठ ने कहा कि ‘गेम जोन’ में पेट्रोल, फाइबर और फाइबरग्लास शीट जैसी अत्यधिक ज्वलनशील सामग्री को रखा गया था।