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इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के खिलाफ प्रदर्शन, कई शहरों में भड़की हिंसा, जानें वजह

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नईदिल्ली, 23 सितंबर। फ्रांस ने मंगलवार को औपचारिक तौर पर फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता दे दी है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूनाइटेड नेशंस की मिडिल ईस्ट पीस प्रोसेस की मीटिंग के दौरान ये ऐलान किया। इससे पहले ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पुर्तगाल भी पिछले 36 घंटे में फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के तौर पर मान्यता दे चुके हैं। इजरायल और अमेरिका ने अब तक ऐसा नहीं किया है और इटली ने भी फिलिस्तीन को मान्यता नहीं दी है। ऐसे में अब इटली में पीएम जार्जिया मेलोनी के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।

इटली की सरकार के खिलाफ फिलिस्तीन समर्थकों के प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं। प्रदर्शनकारी गाजा के समर्थन में फौरन युद्धविराम की मांग कर रहे हैं। इटली के मिलान शहर में काले कपड़े पहनकर सैकड़ों प्रदर्शकारी मिलान के सेंट्रल ट्रेन स्टेशन में घुस गए। हाथों में लाठियां लेकर आए इन प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पहुंची पुलिस पर प्रदर्शनकारियों ने स्मोक बम, बोतलें और पत्थर फेंके। प्रदर्शनकारियों ने पूरे स्टेशन में कई जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ की, सरकारी इमारतों और सरकारी सामान को नुकसान पहुंचाया।

हिंसक प्रदर्शन के बाद इटली में ट्रेनें रोक दी गईं है और पोर्ट बंद कर दिए गए हैं। रोम और मिलान शहर में 10 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया है। 60 से ज्यादा पुलिसवाले इस हिंसक प्रदर्शन में घायल हुए है। गाजा के समर्थन में हुए प्रदर्शन के दौरान मिलान में पुलिस से प्रदर्शनकारियों की झड़प हुई है। कुछ प्रदर्शनकारियों ने शहर के केंद्रीय रेलवे स्टेशन पर धावा बोला है। हजारों लोग सड़कों पर उतरे हैं और कई जगहों पर रोकी ट्रेनों और पोर्ट बंद किए गए हैं। प्रदर्शन की दौरान लोगों की पुलिस से भी झड़प हुई है।

इटली के दक्षिण में स्थित पोर्ट टाउन नेपल्स सिटी में पोर्ट के जरिए बड़ा कारोबार होता है। लेकिन यहां पर प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर जाम लगाने की कोशिश की और रेलवे स्टेशनों पर भी प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। जॉर्जिया मेलोनी अपना रुख साफ कर चुकी हैं. कि उन पर दबाव बनाने के लिए इटली में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं।

फिलिस्तीन को अब तक भारत के साथ साथ फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन और सऊदी अरब समेत 152 देश मान्यता दे चुके हैं। इस तरह से यूनाइटेड नेशंस के कुल सदस्यों में से करीब 78 फीसदी ने फिलिस्तीन को मान्यता दे दी है। भारत 1988 में ही मान्यता दे चुका है। जबकि इजरायल, अमेरिका, इटली, जापान और कुछ अन्य देशों ने फिलिस्तीन को मान्यता नहीं दी है।

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