मुंबई, 29 जून। शिवसेना (UBT) नेताओं ने रविवार को सरकारी प्रस्ताव की प्रतियां जलाकर महाराष्ट्र सरकार के कथित तौर पर सभी स्कूली कक्षाओं में हिन्दी को अनिवार्य बनाने के कदम के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और शिवसेना-यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में हिन्दी को थोपना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
महाराष्ट्र में हिन्दी को थोपना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
आदित्य ठाकरे ने X पर एक पोस्ट में सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि जिसे उन्होंने ‘महाराष्ट्र विरोधी भाजपा सरकार’ कहा है, उसने पहली कक्षा के छात्रों के लिए तीसरी भाषा – हिन्दी सीखना अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र में भाषा थोपना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राजनीति से परे, इतने छोटे बच्चों पर यह बोझ डालना पूरी तरह से मूर्खता है।’
The anti- Maharashtra BJP government has made it compulsory for 1st standard students to learn a 3rd language- Hindi.
The language imposition will not be tolerated in Maharashtra, and more so, beyond politics, it is absolute stupidity to impose this load on such young children.… pic.twitter.com/jf90kn3OqR
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) June 29, 2025
ठाकरे ने कहा, ‘हमने आज जीआर (सरकारी प्रस्ताव) को जलाया, जिसके तहत महाराष्ट्र के स्कूलों में पहली कक्षा में तीन भाषाओं को अनिवार्य बनाया गया है। पांचवीं कक्षा के बाद तक कोई भी नई भाषा या विषय वैकल्पिक होना चाहिए और किसी भी भाषा को थोपना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’
इसी क्रम में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आगामी पांच जुलाई को मुंबई के ऐतिहासिक आजाद मैदान में रैली के दौरान एक बड़े प्रदर्शन की घोषणा की। ठाकरे ने समर्थकों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच घोषणा की, ‘हम 5 जुलाई को एक भव्य आंदोलन आयोजित करेंगे।’ आगामी विरोध प्रदर्शन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष व राजनीतिक रूप से अलग-थलग उद्धव के चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ एक दुर्लभ संयुक्त उपस्थिति को चिह्नित करेगा।
आज की रैली में राज्य कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल, शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत और अनिल देसाई, मनसे नेता नितिन सरदेसाई, वर्ली विधायक आदित्य ठाकरे, विधान परिषद विपक्ष के नेता अंबादास दवे, विभिन्न वामपंथी और समाजवादी दलों के प्रतिनिधियों सहित विपक्षी नेताओं का एक गठबंधन शामिल हुआ।

