नई दिल्ली, 13 जुलाई। देश में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। चुनाव आयोग ने 18 जुलाई को होने वाले आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतपेटियों, पेपर पेन और अन्य सीलबंद सामग्री का वितरण शुरू कर दिया है। मतपेटियां यात्रियों के रूप में उड़ान भर रही हैं और इनमें से प्रत्येक को विमान में एक सीट आवंटित की गई हैं। वे ज्यादातर राज्यों की राजधानियों को जा रही हैं जहां उनका इस्तेमाल चुनाव के दौरान होगा।
दरअसल, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे की निगरानी में सीलबंद सामग्री का निरीक्षण पूरा हुआ। इसके बाद इसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के सहायक रिटर्निंग अधिकारियों को सौंप दिया गया। चुनाव आयोग मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी सहित सहायक रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा दिल्ली में मुख्यालय से सामग्री का संग्रह अनिवार्य करता है।
प्रक्रिया के दौरान एक बार जब सामग्री वहां पहुंच जाती है तो तो अधिकारियों को दिल्ली हवाई अड्डे पर मौजूद हेल्प डेस्क पर भारत के चुनाव आयोग, नागरिक उड्डयन, दिल्ली पुलिस और सीआईएसएफ के अधिकारियों द्वारा संचालित किया जाता है। आयोग ने चुनाव के दौरान मतदान और मतगणना की व्यवस्था की निगरानी के लिए 37 पर्यवेक्षकों को भी नियुक्त किया है और इन पर्यवेक्षकों की एक ब्रीफिंग बैठक भी 11 जुलाई 2022 को आयोजित की गई थी।
चुनाव आयोग के अनुसार मतपेटियों को एक अलग हवाई टिकट के जरिए भेजा जाता है और उन्हें व्यक्तिगत निगरानी में एआरओ की सीट के पास रखा जाता है। चुनाव आयोग की टीमों द्वारा प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन किया जाता है। जब मतपेटियां और मतपत्र राज्यों की राजधानियों में पहुंच जाते हैं, तो इन्हें पहले से निरीक्षण किए गए और ठीक से सील किए गए स्ट्रांग रूम में रखा जाता है और प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है।
मतपेटियों के लिए ‘मिस्टर बैलेट बॉक्स’ के नाम से अलग से टिकट बुक की जाती हैं। मिस्टर बैलेट बॉक्स मतपत्र तथा मतों को चिह्नित करने के लिए विशेष पेन जैसी चुनाव सामग्री ले जाने वाले अधिकारी की सीट के बगल में ‘बैठाया’ जाता है। यह सीट विमान की अगली पंक्ति में बुक होती है। मंगलवार को जहां 14 मतपेटियां भेजी गईं, वहीं बुधवार को 16 मतपेटियां भेजी जाएंगी। संसद भवन और दिल्ली विधानसभा के लिए बनीं मतपेटियां बुधवार को भेजे जाने की संभावना है।
मतदान समाप्त होने के बाद सील की गईं मतपेटियों और अन्य चुनाव सामग्री को अगली उपलब्ध उड़ान से चुनाव अधिकारी, जो इस बार राज्यसभा महासचिव हैं, के कार्यालय में वापस ले जाया जाता है। मतपेटियों और अन्य दस्तावेजों को व्यक्तिगत रूप से विमान के कैबिन में ले जाया जाता है और इन पर साथ आने वाले अधिकारियों की हर समय नजर रहती है।