नई दिल्ली, 7 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडिया कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोलकाता में चितरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के दूसरे परिसर का उद्घाटन किया। इस संस्थान से कैंसर से पीड़ित गरीब और आम लोगों को मदद मिलेगी। यह कैंपस विशेष रूप से देश के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भागों के कैंसर रोगियों को व्यापक सुविधा प्रदान करेगा।
पीएम मोदी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, ‘देश के हर नागरिक तक उत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के राष्ट्रीय संकल्पों को मजबूत करते हुए आज हमने एक और कदम बढ़ाया है। चितरंजन नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट का यह दूसरा कैंपस पश्चिम बंगाल के अनेक नागरिकों के लिए बड़ी सुविधा लेकर आया है।’
कैंसर के इलाज में जरूरी दवाओं की कीमतों में काफी कमी की गई है
प्रधानमंत्री ने कहा कि कैंसर की बीमारी तो ऐसी है, जिसका नाम सुनते ही गरीब और मध्यम वर्ग हिम्मत हारने लगता था। गरीब को इसी कुचक्र, इसी चिंता से बाहर निकालने के लिए देश सस्ते और सुलभ इलाज के लिए निरंतर कदम उठा रहा है। बीते सालों में कैंसर के इलाज के लिए जरूरी दवाओं की कीमतों में काफी कमी की गई है।
PM-JAY के तहत 2.60 करोड़ से ज्यादा मरीज अपना मुफ्त इलाज करा चुके
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना आज affordable और inclusive healthcare के मामले में एक ग्लोबल बेंचमार्क बन रही है। PM-JAY के तहत देशभर में 2 करोड़ 60 लाख से ज्यादा मरीज, अस्पतालों में अपना मुफ्त इलाज करा चुके हैं।
देश आज 22 एम्स के सशक्त नेटवर्क की तरफ बढ़ रहा
पीएम मोदी ने कहा, ‘वर्ष 2014 तक देश में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट सीटों की संख्या 90 हजार के आसपास थी। पिछले सात सालों में इनमें 60 हजार नई सीटें जोड़ी गई हैं। वर्ष 2014 में हमारे यहां सिर्फ 6 एम्स होते थे। देश आज 22 एम्स के सशक्त नेटवर्क की तरफ बढ़ रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘अंधेरा जितना घना होता है प्रकाश का महत्व उतना ही ज्यादा होता है। चुनौतियां जितनी जितनी बड़ी होती हैं हौंसला उतना ही महत्वपूर्ण हो जाता है और लड़ाई जितनी कठिन हो, अस्त्र-शस्त्र उतने ही जरूरी हो जाते हैं।’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया कोलकाता के न्यूटाउन में दूसरे परिसर के उद्धाटन अवसर पर मौजूद थे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वर्चुअल रूप से कार्यक्रम में शामिल हुईं।
यह परिसर देश के सभी भागों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और इन्हें उन्नत बनाने के प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप निर्मित किया गया है। संस्थान में कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इसका विस्तार जरूरी हो गया था। दूसरे परिसर से यह जरूरत पूरी हो सकेगी।
उन्नत कैंसर अनुसंधान केंद्र के रूप में भी काम करेगा यह संस्थान
कैंसर संस्थान के दूसरे परिसर के निर्माण पर 530 करोड़ रूपये की लागत आई है, जिसमें से लगभग 400 करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने दिए हैं। शेष 25 प्रतिशत राशि पश्चिम बंगाल सरकार ने उपलब्ध कराई है। इस परिसर में 460 बिस्तरों की कैंसर यूनिट की व्यवस्था होगी, जो आधुनिक नैदानिक और उपचार सुविधाओं से युक्त होगा। यह एक उन्नत कैंसर अनुसंधान केंद्र के रूप में भी काम करेगा।