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पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में किया आपातकाल का जिक्र, बोले – ’25 जून को हम कभी नहीं भूल सकते’

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नई दिल्ली, 18 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 102वें संस्करण में रविवार को चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का जिक्र करते हुए कहा कि बीते वर्षों में भारत ने आपदा प्रबंधन की जो ताकत विकसित की है, वह आज एक उदाहरण बन रही है। प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने का एक बड़ा तरीका है प्रकृति का संरक्षण। मानसून के समय में तो जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। ‘कैच द रेन’ जैसे अभियानों के जरिए इस दिशा में सामूहिक प्रयास किया जा रहा है।

निर्धारित से एक हफ्ते पहले प्रसारित मासिक रेडियो कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत लोकतंत्र की जननी है। हम अपने लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं।’ उन्होंने देश में लगाए गए आपातकाल का भी जिक्र किया और कहा, ’25 जून को हम कभी नहीं भूल सकते, जब देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। वह भारत के इतिहास का काला दौर था। उस दौरान कई किताबें लिखी गईं, मैंने भी उस दौर पर ‘संघर्ष में गुजरात’ नाम से एक किताब लिखी है।’

2025 तक टीबी मुक्त भारतबनाने का संकल्प

प्रधानमंत्री ने 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने के संकल्प का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 10 लाख टीबी मरीजों को गोद लिया जा चुका है। उन्होंने कहा, ‘एक समय था, जब टीबी का पता चलने के बाद परिवार के लोग ही दूर हो जाते थे, लेकिन ये आज का समय है, जब टीबी के मरीज को परिवार का सदस्य बनाकर उनकी मदद की जा रही है। क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए निक्षय मित्रों ने मोर्चा संभाल लिया है।’

जल संरक्षण के क्षेत्र में बांदा के तुलसीराम यादव का जिक्र किया

जल संरक्षण के क्षेत्र में यूपी के बांदा जिले के तुलसीराम यादव का उदाहरण देते हुए पीएम ने कहा, ‘तुलसीराम जी गांव के लोगों को साथ लेकर इलाके में 40 से ज्यादा तालाब बनवा चुके हैं।’ उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज का जिक्र करते हुए कहा, ‘जल प्रबंधन और नौसेना को लेकर शिवाजी महाराज ने ऐतिहासिक काम किए, उनके बनाए जलदुर्ग आज भी समंदर के बीच शान से खड़े हैं।’

ओडिशा के पुरी में होने वाली रथयात्रा अपने आप में अद्भुत होती है

पुरी की ऐतिहासिक रथयात्रा का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, ’20 जून को ऐतिहासिक रथयात्रा का दिन है। रथयात्रा की पूरी दुनिया में एक विशिष्ट पहचान है। देश के अलग-अलग राज्यों में बहुत धूमधाम से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है। ओडिशा के पुरी में होने वाली रथयात्रा तो अपने आप में अद्भुत होती है। जब मैं गुजरात में था तो मुझे अहमदाबाद में होने वाली विशाल रथयात्रा में शामिल होने का अवसर मिलता था।’