Site icon Revoi.in

पीएम मोदी ने अयोध्या में किया दीपोत्सव का शुभारंभ, बोले – आठ वर्षों में बदल गई अयोध्या और काशी

Social Share

अयोध्या, 23 अक्टूबर। अयोध्या के छठे दीपोत्सव पर रामनगरी पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीराम के बारे में विस्तार से वर्णन किया और कहा कि आठ वर्षों के दौरान अयोध्या और काशी की तस्वीर बदल गई। दीपोत्सव का औपचारिक शुभारंभ करने से पहले दिन में पीएम मोदी ने रामलला के दर्शन किए और फिर राम मंदिर निर्माण स्थल पर पहुंचकर अवलोकन किया। इसके बाद सीधे रामकथा पार्क पहुंचे, जहां उन्होंने राम-लक्ष्मण और जानकी की पूजा-अर्चना की।

अयोध्यवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘राम का अभिषेक होता है तो हमारे भीतर भगवान राम के आदर्श और उनके मूल्य दृढ़ हो जाते हैं। राम के अभिषेक के साथ ही उनका सिखाया पथ और प्रद्विक्त हो उठता है। अयोध्या जी रग-रग में कण-कण में उनका दर्शन समाहित है।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘आज अयोध्या की रामलीलाओं के माध्यम से, सरयू आरती के माध्यम से, दीपोत्सव के जरिए, रामायाण पर शोध और अनुसंधान के माध्यम से, ये दर्शन पूरे विश्व में प्रसारित हो रहा है। मुझे खुशी है कि अयोध्या के लोग पूरे यूपी और देश के लोग इस प्रवाह का हिस्सा बन रहे हैं। देश में जन कल्याण की धारा को गति दे रहे हैं।’

पीएम मोदी ने देशवासियों को दीपावली की बधाई देते हुए कहा, ‘देशवासियों ने कुछ समय पहले ही आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं। आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। भगवान राम ने अपने वचन में अपने विचारों में अपने शासन और प्रशासन में जिन मूल्यों को धरा वह सबका साथ और सबका विकास की प्रेरणा और सबका विश्वास का आधार भी है।’

उन्होंने कहा, ‘अगले 25 वर्षों में विकसित भारत की आकांक्षा लिए आगे बढ़ रहे श्रीराम के आदर्श उस प्रकाश की तरह हैं, जो हमें कठिन से कठिन कामों को हासिल करने का हौसला देंगे। हमें कर्तव्यों के प्रति समर्पित होने की जरूरत है। आजादी के अमृत काल ने देश में अपनी विरासत और घर को गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का आहवान किया। यह प्रेरणा भी हमें प्रभु श्रीराम से मिलती है।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘श्रीराम ने कहा था कि वह स्वर्ण वाली लंका के सामने हीन भावना में नहीं आए। मां और मातृभूमि फर्ज से भी बढ़कर है। जब वह अयोध्या में लौटकर आते हैं तो अयोध्या के बारे में कहा जाता है। राष्ट्र नर्मिाण का संकल्प होता है, नागरिकों में देश के लिए सेवा भाव होता है तो ही राष्ट्र असीम ऊंचाई को छूता है।’

प्रधानमंत्री ने 1990 से पहले का जिक्र करते हुए कहा, ‘एक समय था, जब राम के बारे में हमारी संस्कृति और सभ्यता के बारे में बात करने से भी बचा जाता था। इसी देश में राम के अस्तित्व पर प्रश्न चिह्न लगाए जाते थे। अयोध्या के रामघाट पर आते थे तो दुर्दशा देखकर मन दुखी हो जाता था। काशी की गलियां परेशान करती थीं। बीते आठ वर्षों में देश ने हीन भावनाओं को तोड़ा है। हमने राम मंदिर, काशी विश्वनाथ धाम और केदारनाथ, महाकाल और महालोक को पुन: जीवित किया है।’

उन्होंने कहा, ‘आज सभी धार्मिक देश-दुनिया में नई पहचान बनकर उभरे हैं। अयोध्या के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू की गईं। चौराहों का विकास हो रहा है। सड़कों का चौड़ीकरण हो रहा है। रेलवे स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। अयोध्या से जो विकास अभियान शुरू हुआ है, उसका विस्तार आसपास के क्षेत्र में होगा। सांस्कृति विकास के कई सामाजिक और आयाम भी हैं। निषादराज पार्क का निर्माण हो रहा है। 51 फीट ऊंची कांच की प्रतिमा बन रही है।’