जामनगर, 19 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने मंगलवार को जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की आधारशिला रखी।
डॉ. ट्रेडोस ने गुजराती भाषा में लोगों का अभिवादन किया
इस दौरान डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने गुजराती भाषा में लोगों अभिवादन कर तालियां बटोरीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “मैं डॉ. टेड्रोस (डब्ल्यूएचओ-डीजी) का आभारी हूं और हर भारतीय की ओर से उनका धन्यवाद करता हूं। उन्होंने हमें एक तरह से ‘त्रिवेणी’ का अहसास कराया और गुजराती, हिन्दी और अंग्रेजी में बोलकर हमारे दिलों को छुआ।”
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं डॉ. टेड्रोस को लंबे समय से जानता हूं और जब भी हम मिले हैं, उन्होंने अपने भारतीय शिक्षकों से इतनी प्रतिष्ठा के साथ अपनी सीख का उल्लेख किया है, अपनी भावनाओं को इतने उत्साह के साथ व्यक्त किया है कि भारत के लिए उनका स्नेह एक संस्थान के रूप में दिखाई देता है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘वह मुझसे कहता है कि वह मुझे अपना बच्चा दे रहा है और अब मुझ पर इसकी जिम्मेदारी है और इसका पालन-पोषण (डब्ल्यूएचओ-ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन) करना है। मैं डॉ. टेड्रोस को विश्वास दिलाता हूं कि हम आपकी उम्मीदों और उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।’
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ को धन्यवाद देते हुए पीएम मोदी कहा, ‘मैं अपने मित्र और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ का भी आभार व्यक्त करता हूं। उनके परिवार के साथ मेरा तीन दशक पुराना रिश्ता रहा है… मुझे खुशी है कि उन्होंने मेरे गृह राज्य गुजरात आने का मेरा निमंत्रण स्वीकार कर लिया और गुजराती भाषा का उपयोग करके हमारा दिल जीत लिया।’
डब्ल्यूएचओ ने इस केंद्र के रूप में भारत के साथ एक नई साझेदारी की है
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने बांग्लादेश, भूटान और नेपाल के प्रधानमंत्रियों के विचार भी सुने, उन्होंने डब्ल्यूएचओ-ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की हैं। मैं उन सभी का आभारी हूं। डब्ल्यूएचओ ने इस केंद्र के रूप में भारत के साथ एक नई साझेदारी की है। भारत इस केंद्र को पूरी मानवता की सेवा के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी के रूप में ले रहा है। यह केंद्र पारंपरिक दवाओं के समर्थन से दुनिया को बेहतर चिकित्सा समाधान प्रदान करने में मदद करेगा।’
उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक संस्थान का उद्घाटन नहीं है, यह भारत के ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के चरम पर, अगले 25 वर्षों के लिए दुनिया में पारंपरिक चिकित्सा युग की शुरुआत है। जब भारत मनाएगा ‘आजादी की शताब्दी’ (शताब्दी), इस केंद्र का होगा बहुत महत्व।”
पीएम मोदी ने कहा, ‘मधुमेह, मोटापा और अवसाद जैसी बीमारियों से लड़ने में भारत की योग्य परंपराएं दुनिया के लिए बहुत उपयोगी हैं। योग अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के माध्यम से प्रचलित है और मानसिक दबाव को कम करने और दुनियाभर में संतुलन बनाए रखने में मदद कर रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘इस नए केंद्र (डब्ल्यूएचओ-ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन) के लिए योग के दायरे के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना बहुत जरूरी है। मैं इस ग्लोबल सेंटर के लिए 5 लक्ष्य भी रखना चाहता हूं, जिसमें तकनीक का उपयोग करने वाली पारंपरिक दवाओं के लिए एक डेटाबेस का संकलन शामिल है।’
उन्होंने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है क्योंकि विभिन्न देशों की पारंपरिक दवाओं का ज्ञान आने वाली पीढ़ियों की मदद करेगा। यह केंद्र एक वार्षिक पारंपरिक चिकित्सा उत्सव आयोजित कर सकता है, जिसमें दुनियाभर के अधिकतम विशेषज्ञ भाग लेते हैं। जीसीटीएम को अनुसंधान के लिए धन जुटाना चाहिए।’