नई दिल्ली, 30 मार्च। भारतीय नौसेना ने एक बार फिर समुद्री लुटेरों से लोहा लेते हुए ईरानी मछली पकड़ने वाले जहाज को छुड़ा लिया। इसी के साथ नौसेना ने 23 पाकिस्तानी चालक दल को भी सुरक्षित बचा लिया। पूरा अभियान करीब 12 घंटे से अधिक समय तक चला। नौसेना का कहना है कि हमारी विशेषज्ञ टीम उस क्षेत्र की जांच करेगी, जिससे वह क्षेत्र दोबारा मछली पालन सहित अन्य सामान्य गतिविधियों के लिए सुरक्षित हो जाए। जहाज को लुटेरों ने गुरुवार को ही पकड़ लिया था, जिसके बाद से नौसेना ने उन्हें बचाने के लिए अभियान शुरू कर दिया था।
समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया
नौसेना द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, आईएनएस सुमेधा ने शुक्रवार तड़के एफवी ‘अल कंबर’ को रोका और बाद में अभियान में मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस त्रिशूल से जुड़ गया। 12 घंटे से अधिक समय तक चले अभियान के बाद समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर होना पड़ा। जहाज में करीब नौ समुद्री लुटेरे सवार थे। घटना के दौरान, ईरानी जहाज सोकोट्रा से 90 एनएम दक्षिण पश्चिम में था। भारतीय नौसेना ने कहा कि हम समुद्री सुरक्षा के लिए राष्ट्रीयता की परवाह नहीं करते। हम समुद्री सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हिंद महासागर की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध
हाल ही में 23 मार्च को नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा था कि भारतीय नौसेना सुरक्षित हिंद महासागर क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले 100 दिनों में नौसेना द्वारा की गई समुद्री डकैती विरोधी अभियानों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा था कि हमने समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समुद्री डकैती रोधी, मिसाइल रोधी और ड्रोन रोधी अभियान चलाए हैं। हमने ऑपरेशन संकल्प से 110 लोगों, जिसमें 45 भारतीय और 65 विदेशी नागरिकों की जान बचाई है।
भारत महान शक्ति बनने की ओर
इसी कार्यक्रम में एडमिरल कुमार ने आगे कहा कि भारत एक महान शक्ति बनने की राह पर है। महान शक्ति बनने के साथ-साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है। भारतीय नौसेना समुद्री क्षेत्र में हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा, संरक्षण, प्रचार और आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। नौसेना का ऑपरेशन कब तक जारी रहेगा के जवाब में उन्होंने कहा कि जब तक हिंद महासागर सुरक्षित नहीं हो जाता।