वॉशिंगटन, 16 दिसम्बर। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकी ओसामा बिन लादेन की याद दिलाई थी। लादेन का नाम सुनते ही पाकिस्तान को मिर्ची लगी है और उसने पलटवार करने के चक्कर में सभी मर्यादाओं को लांघ दिया है। इस कड़ी में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुजरात दंगों की बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एस. जयशंकर को लेकर बेहद अपमानजनक टिप्पणी की है।
बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा, ‘ओसामा मर गया, लेकिन नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं। वह प्रधानमंत्री बनने से पहले अमेरिका में आने से बैन थे।’ बिलाबल के इस बयान से यह तो साफ हो गया कि पाकिस्तान की लीडरशिप में चाहे जो हो, आतंकी ओसामा उनके देश में मारा गया, इस पर उन्हें बिल्कुल भी शर्मिंदगी नहीं होती। इसके अलावा बिलावल ने RSS को लेकर भी अपना ज्ञान दिया। उन्होंने कहा, ‘यह RSS के प्रधानमंत्री हैं, यह RSS के विदेश मंत्री हैं। RSS क्या है? यह हिटलर की SS से प्रेरणा लेता है।’
UNSC में भारत ने किया था पलटवार
बिलावल ने कहा कि भारत अब गांधी की विचारधारा पर नहीं चलता है। इससे पहले उन्होंने बुधवार को UNSC में कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर एक बड़ा मुद्दा है और UN के प्रस्तावों को लागू करना चाहिए। इस पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया था कि जिस देश ने ओसामा बिन लादेन को अपने यहां शरण दी और पड़ोस की संसद पर हमला कराया, उसे ऐसे मामलों पर उपदेश नहीं देना चाहिए।
ओसामा को शहीद बता चुके हैं पाकिस्तानी
भारत और पाकिस्तान की लीडरशिप की भाषा में पूरी दुनिया को अंतर दिखाई देता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहने के दौरान इमरान खान भी बेहद अमर्यादित तरीके से बात करते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए वह इस तरीके से बात करते थे, जैसे उनके वैचारिक मतभेद नहीं बल्कि कोई व्यक्तिगत दुश्मनी हो। लेकिन आतंकी ओसामा को वह पूरी इज्जत देते थे। यही कारण रहा है कि उनके पूरे कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी ने उन्हें सिर्फ इग्नोर किया। कई पाकिस्तानी पत्रकार भी इस बात को कहते रहे हैं कि इमरान की भाषा मोहल्ले की पॉलिटिक्स जैसी है। इमरान ने पाकिस्तान की संसद में ओसामा बिन लादेन को शहीद तक बता दिया था।