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पुणे में 1111 से अधिक शंख वादकों ने 7 लयबद्ध चक्रों के साथ बनाया विश्व रिकॉर्ड

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पुणे, 5 अक्टूबर। महाराष्ट्र में पुणे के एस.पी. कॉलेज मैदान पर रविवार को अनूठा दृश्य देखने को मिला, जब पारंपरिक और आध्यात्मिक महत्व के एक विशेष समारोह में 1,111 से अधिक शंख वादकों ने शंखनाद पर ‘ब्रह्मनाद’, ‘सप्तखंड’, ‘अर्धवलय’, ‘तुतारी’, ‘पूर्णवलय’, ‘सुदर्शन’ और ‘मुक्तचंदनाद’ की सात माला और तीन मंत्रों का एक साथ प्रदर्शन कर विश्व रिकॉर्ड बनाया।

शंखनाद दल के रूप में विख्यात केशव शंखनादपाठक ने किया भव्य आयोजन

भारत में प्रथम शंखनाद दल के रूप में विख्यात ‘केशव शंखनाद’ पाठक द्वारा शंख वादकों के विश्व कीर्तिमान समारोह में लगभग 1,400 शंख वादकों ने भाग लिया। समारोह में महंत योगी रोहतास नाथ महाराज, राष्ट्रीय महाकाल सेना के अध्यक्ष जगद्गुरुकृपांतिक डॉ. चेतनानंद महाराज पुणेकर, उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, शंखनाद टीम के अध्यक्ष नितिन महाजन और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

छत्रपति शिवाजी महाराज को नमस्कार

राज्यभर से आए केशव शंखनाद मंडली के वरिष्ठ, बच्चे, महिलाएं और युवा संगीतकारों ने एस.पी. कॉलेज मैदान पर पूर्वाह्न  लगभग 9.30 बजे से आयोजित इस विश्व कीर्तिमान समारोह में पहली बार मानव जीवन व परमात्मा के बीच आध्यात्मिक संबंध को ‘ब्रह्मनाद’ की ध्वनि के माध्यम से प्रस्तुत किया।

इसके बाद ‘सप्तखंड नाद’ और ‘अर्धवलय’ ध्वनियों की प्रस्तुति हुई। अर्धवलय नाद पृथ्वी के निचले भाग का प्रतिनिधित्व करता है। छत्रपति शिवाजी महाराज का स्वागत ‘तुतारी नाद’ की चौथी परिक्रमा से किया गया। पांचवीं पूर्णावलय और छठी सुदर्शन परिक्रमा के बाद, सातवीं मुक्तछंदनाद परिक्रमा मुक्तनाद के रूप में प्रस्तुत की गई। सभी सात ध्वनियों के माध्यम से श्रोताओं को पृथ्वी के सात महाद्वीपों, पृथ्वी के निचले भाग के आधे भाग और आध्यात्मिक एकता का दर्शन हुआ।

वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक ऑफ इंडिया में नाम दर्ज

केशव शंखनाद पथक के अध्यक्ष नितिन महाजन ने बताया कि यह समारोह संत ज्ञानेश्वर महाराज की 750वीं जयंती, जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज की 375वीं पुण्यतिथि, छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक समारोह के 351 वर्ष, राजमाता अहिल्यादेवी होल्कर के 300 वर्ष, महात्मा ज्योतिबा फुले की 135वीं पुण्यतिथि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था।

उन्होंने बताया कि यह रिकॉर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक ऑफ इंडिया में दर्ज किया जाएगा। इसके लिए पिछले एक वर्ष से तैयारी चल रही थी। इस दौरान पुणे महानगर और पूरे महाराष्ट्र से शंख वादक आए थे। यह विश्व कीर्तिमान अत्यंत उत्साहपूर्ण वातावरण में स्थापित किया गया है। शंखनाद के जरिए विश्व रिकॉर्ड स्थापित होने के बाद वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक ऑफ इंडिया की सुषमा नार्वेकर ने प्रमाण पत्र प्रदान किया।

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