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हिमाचल प्रदेश : पीएम मोदी की रैली में पत्रकारों से ‘चरित्र प्रमाण पत्र’ मांगे जाने का आदेश लिया गया वापस

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शिमला, 4 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश सरकार ने आलोचनाओं का सामना करने के बाद मंगलवार को अपना वह आदेश वापस ले लिया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्य में बुधवार को प्रस्तावित रैली की कवरेज के लिए पत्रकारों को ‘चरित्र प्रमाण पत्र’ पेश करने के लिए कहा गया था। पीएम मोदी बिलासपुर में एम्स का उद्घाटन करने के बाद जनसभा को संबोधित करेंगे और कुल्लू के प्रसिद्ध दशहरा समारोह में भी भाग लेंगे।

सीएम जयराम ठाकुर ने आधिकारिक आदेश पर मांगा स्पष्टीकरण

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सभी पत्रकारों को पीएम मोदी की पहाड़ी राज्य की यात्रा की कवरेज के लिए आमंत्रित किया और कहा कि सरकार ने मीडियाकर्मियों से ‘चरित्र सत्यापन का प्रमाण पत्र’ मांगने के आधिकारिक आदेश को वापस ले लिया है।

जयराम ठाकुर ने कहा, ‘मैं सभी पत्रकारों को पांच अक्टूबर को पीएम मोदी की हिमाचल प्रदेश यात्रा को कवर करने के लिए आमंत्रित करता हूं। हमने आधिकारिक आदेश वापस ले लिया है और इस बाबत स्पष्टीकरण मांगा है।”

बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा ने जारी किया था आदेश

गौरतलब है कि बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा ने गत 29 सितम्बर को पत्रकारों से ‘चरित्र प्रमाण पत्र’ मांगे जाने का आदेश जारी किया था, जिसे लेकर राजनीतिक स्तर पर भी विरोध शुरू हो गया था।

विपक्षी दलों ने इस आदेश को भाजपा सरकार द्वारा लोकतंत्र पर हमला करार दिया। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष नरेश चौहान और ‘आप’ के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा ने राज्य सरकार से इस आदेश को तत्काल वापस लेने का आग्रह किया था। अंततः किरकिरी होने के बाद राज्य सरकार ने आदेश वापस ले लिया।

हिमाचल पुलिस ने कहा – असुविधा के लिए खेद है

हिमाचल प्रदेश पुलिस के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राज्य के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने पुलिस अधीक्षक के आदेश को वापस ले लिया है। इसमें कहा गया, ‘पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर द्वारा 29 सितम्बर, 2022 को जारी निर्देश को पुलिस महानिदेशक ने वापस ले लिया है। इस संबंध में हुई किसी भी असुविधा के लिए खेद है।’

बयान में कहा गया, ‘हिमाचल प्रदेश पुलिस पांच अक्टूबर, 2022 को प्रधानमंत्री के प्रदेश दौरे के कवरेज के लिए सभी पत्रकारों का स्वागत करती है।’ पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा ने बताया, ‘ये निर्देश अनजाने में मेरे कार्यालय द्वारा जारी किए गए थे। यह चूक मेरी ओर से है। पुलिस मुख्यालय या राज्य सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। पत्र वापस ले लिया गया है। सभी पत्रकारों का स्वागत है।’