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दीपोत्सव के पहले दिन धनतेरस पर होगी कुबेर और लक्ष्मी की कृपा, जानिए उपाय

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वाराणसी, 14 अक्टूबर। पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है। इस वर्ष 22 अक्टूबर को धनतेरस है। पंचांग के अनुसार, 22 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि दिन में 4.33 के बाद शुरू होगी। जब त्रयोदशी शुरू होगी, तब प्रदोष काल भी आरंभ होगा।

शनि प्रदोष व्रत के साथ त्रयोदशी का अद्भुत संयोग

कहा जाता है कि शनि यमराज के भाई हैं, इसलिए प्रदोष काल में शनि प्रदोष व्रत के साथ त्रयोदशी दोनों का संयोग एक साथ पड़ने की वजह से इस बार अद्भुत संयोग देखने को मिल रहा है।

66 वर्षों बाद बन रहा त्रिपुष्कर योग

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस बार धनतेरस के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, यई जय योग, त्रिपुष्कर योग भी मिल रहे हैं। यानी सभी के लिए यह धनतेरस काफी शुभ रहने वाला है। दोपहर 1.30 से 4.33 तक त्रिपुष्कर योग रहेगा। ऐसा योग 66 वर्ष बाद बन रहा है। त्रयोदशी तिथि 23 अक्टूबर की शाम 5.26 बजे तक रहेगी.।

दीपदान कब करें?

प्रदोषकाल का समय 4.35 से 5.26 बजे तक है। इस समय मीन लग्न में दीपदान करने से मन स्थिर और क्लेष दूर होंगे। वहीं, मेष लग्न में शाम 5.26 बजे से 7.03 बजे तक दीपदान करने से आय में बढ़ोतरी होगी। कुल मिलाकर आप शाम 4.35 से 7.03 बजे तक दीपदान कर सकते हैं।

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