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पीएम  मोदी के खिलाफ राज्य सभा में विशेषाधिकार हनन की नोटिस, तेलंगाना गठन के बयान पर टीआरएस का बहिर्गमन  

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नई दिल्ली, 10 फरवरी। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आंध्र प्रदेश के विभाजन के संदर्भ में पिछले दिनों राज्य सभा में दिए गए एक बयान को लेकर गुरुवार को विशेषाधिकार हनन की नोटिस दी और उस पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया।

उप सभापति हरिवंश ने कहा कि नोटिस फिलहाल राज्य सभा के सभापति के समक्ष विचाराधीन है और जब तक वह इसे मंजूर नहीं करते, तब तक इस पर कोई चर्चा नहीं हो सकती। इसका विरोध करते हुए, बाद में टीआरएस के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।

उप सभापति हरिवंश बोले – नोटिस सभापति के समक्ष विचाराधीन

राज्य सभा की कार्यवाही पूर्वाह्न जैसे ही प्रारंभ हुई, उप सभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और शून्य काल के लिए राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा का नाम पुकारा।

इसी बीच, टीआरएस सदस्य के. केशव राव ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की एक नोटिस दी है। उन्होंने इस पर चर्चा कराने की मांग की। इस पर उप सभापति ने कहा कि उनकी नोटिस आज ही मिली है और वह सभापति के समक्ष विचाराधीन है और सभापति ही इस पर निर्णय लेंगे।

टीआरएस को कांग्रेस व तृणमूल सहित अन्य विपक्षी दलों का मिला साथ

उप सभापति का जवाब सुनते ही टीआरएस सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया। उन्हें कांग्रेस, वामपंथी दलों और तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों का साथ मिला। कांग्रेस के आनंद शर्मा भी अपनी सीट पर खड़े होकर कुछ कहते देखे गए, लेकिन उपसभापति ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी।

उप सभापति हरिवंश ने कहा, ‘विशेषाधिकार के मामले को सभापति की मंजूरी के बाद ही कोई सदस्य सदन में उठा सकता है, इसलिए मैं आपको इजाजत नहीं दूंगा।’ उप सभापति ने आसन के समक्ष हंगामा कर रहे सदस्यों को अपनी सीट पर लौटने का आग्रह किया और फिर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने का मौका दिया।

खड़गे ने कहा, ‘तेलंगाना के लिए आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक पर अगर प्रधानमंत्री ऐसी टिप्पणी करते हैं… जो विधेयक दोनों सदनों में पास हुआ और निर्णय लिया गया…और जिसके लिए हजारो लोगों ने कुर्बानी दी।’ खड़गे बोल ही रहे थे कि उप सभापति ने उन्हें रोका और शून्य काल आरंभ कर दिया। इसके बावजूद खड़गे बोलते रहे, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी जा सकी। इस दौरान टीआरएस के सदस्यों ने हंगामा जारी रखा सदन से बहिर्गमन कर गए।

पीएम मोदी ने आंध्र प्रदेश के विभाजन के तरीके पर कांग्रेस की आलोचना की थी

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए गत आठ फरवरी को कहा था कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ‘बहुत शर्मनाक’ तरीके से आंध्र प्रदेश का विभाजन किया था। उन्होंने कहा था, ‘माईक बंद कर दिए गए। मिर्ची स्प्रे की गई, कोई चर्चा नहीं हुई। क्या यह तरीका ठीक था क्या? क्या यह लोकतंत्र था क्या?’

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