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मनी लॉन्ड्रिंग केस : शिव सेना नेता संजय राउत को राहत नहीं, न्यायिक हिरासत और 14 दिनों के लिए बढ़ी

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मुंबई, 19 सितम्बर। शिवसेना सांसद संजय राउत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पात्रा चॉल घोटाला मामले में विशेष अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत को अगले 14 दिनों के लिए बढ़ा दिया है। सोमवार को उनकी जमानत याचिका पर भी सुनवाई नहीं पाई।

21 सितम्बर को होगी जमानत याचिका पर सुनवाई

अदालत आगामी 21 सितम्बर को उनकी याचिका पर सुनवाई करेगी। अदालत ने इस मामले में ईडी की चार्जशीट को संज्ञान में लेते हुए राउत की हिरासत बढ़ाने का निर्देश दिया। कोर्ट के निर्देश पर ईडी ने उन्हें चार्जशीट की एक कॉपी भी सौंप दी है। उल्लेखनीय है कि राउत को 31 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने उनके घर पर सुबह-सुबह छापा मारा था। करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था। बाद में उन्हें देर रात गिरफ्तार कर लिया गया था।

वर्ष 2007 से हुई थी चॉल घोटाले की शुरुआत

गौरतलब है कि पात्रा चॉल घोटाले की शुरुआत वर्ष 2007 से हुई थी। तब यह आरोप लगा था कि म्हाडा के साथ गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) की मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया गया। शुरुआत में म्हाडा ने पात्रा चॉल के रीडेवलपमेंट का कार्य गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को दिया था।

पात्रा चॉल में 1,034 करोड रुपये के घोटाले का आरोप

इस मामले में 1,034 करोड रुपये के घोटाले का आरोप है। यह कम्पनी प्रवीन राउत की है, जो संजय राउत के करीबी मित्र हैं। इस कम्पनी पर चॉल के लोगों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। योजना के तहत 3,000 से ज्यादा फ्लैट बनाए जाने थे, जिसमें से 672 चॉल निवासियों को मिलने थे। लेकिन जमीन प्राइवेट बिल्डरों को बेच दी गई।

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