नई दिल्ली, 8 जून। केंद्र सरकार ने कोरोनारोधी टीकों की खरीद से राज्यों को राहत देने के साथ ही टीकाकरण नीति को लेकर नई गाइडलाइंस जारी कर दी है। अब राज्यों को उनकी आबादी, कोरोना संक्रमण के प्रसार और वैक्सिनेशन की गति के हिसाब से टीके आवंटित किए जाएंगे।
21 जून से प्रभावी होगी नई गाइडलाइंस
आगामी 21 जून से लागू होने वाली इस गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि टीकों की बर्बादी होने पर वैक्सीन के आवंटन में उसका पड़ सकता है। इसके अलावा राज्यों को छूट दी गई है कि 18 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों के टीकाकरण के प्राथमिकता ग्रुप को वे अपने अनुसार तय कर सकते हैं।
नई गाइडलाइंस के तहत केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को दिए जाने वाले टीकों की अग्रिम जानकारी दी जाएगी। इसके बाद राज्यों को जिला प्रशासन को यह जानकारी देनी होगी। यही नहीं किस जिले के लिए कितने टीके आवंटित हुए हैं, इसका ब्योरा भी देना होगा। यही नहीं वरन, जिला प्रशासन को टीकों की उपलब्धता के बारे में आम लोगों तक जानकारी पहुंचानी होगी।
निजी अस्पतालों में टीकाकरण की निगरानी राज्यों के जिम्मे
नए आदेश के तहत निजी अस्पतालों में लगने वाले टीकों की कीमत मैन्युफैक्चरिंग कम्पनियों की ओर से तय की जाएगी। इसके अलावा किसी भी तरह के बदलाव की स्थिति में अस्पतालों को पहले से जानकारी दी जाएगी। कोरोना वैक्सीन की एक डोज के लिए निजी अस्पतालों की ओर से टीके की तय कीमत के अलावा 150 रुपये तक ही सर्विस चार्ज वसूला जा सकेगा। निजी अस्पतालों में वैक्सीन के लिए सही कीमत ली जा रही है या फिर नहीं। इसकी निगरानी का काम राज्य सरकारों को सौंपा गया है।
देश में 75 फीसदी टीकों की आपूर्ति करेगी केंद्र सरकार
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार की शाम राष्ट्र के नाम संबोधन में वैक्सिनेशन पॉलिसी में बदलाव की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि अब राज्यों को दी गई 25 फीसदी टीकों की जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार की ही होगी। केंद्र सरकार ही 75 फीसदी टीके खरीदेगी और उन्हें राज्यों को सप्लाई करेगी। इसके अलावा निजी अस्पताल अपने कोटे के 25 फीसदी टीके कम्पनियों से सीधे तौर पर खरीद सकेंगे।