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डी-गैंग से कनेक्शन के जाल में उलझे नवाब मलिक, 300 करोड़ की प्रॉपर्टी 55 लाख में खरीदने का आरोप

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मुंबई, 24 फरवरी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के जिस मामले में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को गिरफ्तार है, वह 300 करोड़ रुपये की संपत्ति से जुड़ा हुआ है। इस मामले में एनसीपी नेता नवाब मलिक से लेकर, डी-गैंग (दाऊद इब्राहिम की गैंग) और दाऊद की बहन हसीना पारकर तक शामिल हैं।

संपत्ति हड़पने के लिए मलिक परिवार के स्वामित्व वाली कम्पनी का इस्तेमाल

ईडी का कहना है कि मुनीरा प्लंबर नाम की महिला की 300 करोड़ की संपत्ति डी-गैंग के जरिए नवाब मलिक ने हड़प ली थी। इस संपत्ति को हड़पने के लिए सॉलिड्स इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कम्पनी का इस्तेमाल किया गया। इस कम्पनी का स्वामित्व नवाब मलिक के परिवार के पास था। कम्पनी को दाऊद की बहन हसीना पारकर सहित डी-गैंग के कई सदस्य नियंत्रित करते थे।

मुनीरा प्लम्बर के ईडी को दिए बयान से हुआ खुलासा

मुनीरा प्लम्बर ने ईडी को दिए बयान में कहा था कि मुंबई के कुर्ला में गोवाला कंपाउंड में उनका करीब तीन एकड़ का प्लॉट था। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनकी प्रॉपर्टी डी-गैंग के सदस्य सलीम पटेल ने किसी थर्ड पार्टी को बेच दी है। मुनीरा ने कहा था कि उन्होंने 18 जुलाई, 2003 के बाद संपत्ति के किराए को लेकर कोई हस्ताक्षर नहीं किए और ना ही उन्होंने संपत्ति किसी को बेची थी।

संपत्ति से कब्जा खाली कराने के लिए पीड़िता से ही ले लिए 5 लाख रुपये

ईडी को मुनीरा ने बताया था कि सलीम पटेल ने उनकी संपत्ति से कब्जा खाली करवाने के नाम पर उनसे ही पांच लाख रुपए लिए थे। उन्होंने सलीम को संपत्ति बेचने के लिए कभी नहीं कहा। लेकिन सलीम ने अवैध तरीके से संपत्ति किसी तीसरे पक्ष को बेच दी। मुनीरा को पता चल गया था कि सलीम का संबंध अंडरवर्ल्ड से है, इसलिए उन्होंने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं की। उन्हें डर था कि ऐसा करने पर उनके परिवार और उन्हें खतरा हो सकता है।

जमीन बेचने में अहम भूमिका निभाने वाला एक आरोपित औरंगाबाद जेल में बंद

मुनीरा ने ईडी को बताया था कि उन्हें संपत्ति की बिक्री के बारे में मीडिया में प्रकाशित खबरों से 2021 में पता चला था। मुनीरा को संपत्ति से जुड़े सरकारी अधिकारियों के पत्र भी मिल रहे थे। ईडी के मुताबिक दस्तावेज खंगालने पर उन्हें सरदार शाहवली खान नाम के व्यक्ति के बारे में पता चला, जिसने जमीन बेचने में अहम भूमिका निभाई थी। शाहवली खान 1993 के मुंबई बम धमाके के दोषियों में से एक है और इस समय वह टाडा व मकोका के तहत औरंगाबाद जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।

दाऊद की बहन हसीना के निर्देश पर लिए गए निर्णय

शाहवली खान ने ईडी को बताया था कि जावेद चिकना के जरिए वह टाइगर मेमन और हसीना पारकर के संपर्क में था और मुनीरा की संपत्ति के मामले में सलीम पटेल ने सभी निर्णय हसीना के निर्देश पर लिए थे। हसीना का करीबी सहयोगी सलीम उसके सुरक्षाकर्मी और ड्राइवर के तौर पर काम करता था। शाहवली ने दावा किया कि संपत्ति की असली मालिक हसीना ही थी। संपत्ति से अवैध अतिक्रमण, अनियमित किराया भुगतान और कब्जे जैसे कई विवाद जुड़े हुए थे। जमीन माफिया भी इस संपत्ति पर नजर गड़ाए हुए थे।

धमकी मिलने के बाद पीड़िता ने नहीं की शिकायत

ईडी के पास 10 जनवरी, 1995 को शाहवली खान के भाई रहमान ने नवाब मलिक के खिलाफ केस दर्ज कराया था। मुनीरा प्लंबर ने उसे किराया वसूलने के लिए तैनात कर रखा था। आरोप है कि नवाब मलिक गोवाला कंपाउड के कुर्ला जनरल स्टोर नामक संपत्ति को हासिल करना चाहते थे। यह प्रॉपर्टी बंद थी।

रहमान ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिसके बाद नवाब मलिक ने धमकी दी थी। बाद में नवाब मलिक ने अपने भाई असलम मलिक के जरिए इस संपत्ति पर कब्जा कर लिया था। शाहवली ने ईडी को बताया था कि नवाब मलिक और हसीना पारकर दोनों संपत्ति के बड़े हिस्से को हथियाने की कोशिश कर रहे थे। कुछ धमकियां मिलने के बाद मुनीरा संपत्ति से पूरी तरह से उदासीन हो गई थी।

मसला सुलझाने के लिए मलिक और हसीना के बीच हो चुकी हैं कई बैठकें

ईडी के अनुसार इस मसले को सुलझाने के लिए नवाब मलिक, असलम मलिक और हसीना पारकर के बीच कई बैठकें हो चुकी हैं। शाहवली खान का दावा है कि वह भी दो बैठकों में मौजूद था। उनके बीच इस बात पर सहमति बनी थी कि सॉलिडस इनवेस्टमेंट्स की लीज पर ली गई संपत्ति को सलीम पटेल को मिली पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए मालिकाना हक में बदला जाएगा जबकि हसीना पारकर बाकी संपत्तियों की मालकिन होगी। ईडी का यह भी कहना है कि नवाब मलिक ने हसीना पारकर को उस संपत्ति के एवज में 55 लाख रुपये नकद दिए थे।

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