नई दिल्ली, 9 दिसम्बर। संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में गुरुवार को दिवंगत प्रथम चीफ ऑफ स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत तथा 11 अन्य सैन्यकर्मियों को श्रद्धांजलि दी गयी । सदन की कार्यवाही शुरु होते ही उप सभापति हरिवंश ने जनरल रावत के कल एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत की जानकारी देते हुए कहा कि उनके निधन से देश ने एक बहुत ही समर्पित योद्धा खो दिया है।
उन्हें उत्कृष्ट कार्य के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल तथा कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में अनेक नये प्रयोग किये थे। उन्हें वर्ष 2016 में चीफ ऑफ स्टाफ तथा 2019 में रक्षा प्रमुख बनाया गया था। श्री हरिवंश ने कहा कि जनरल रावत ने लगभग चार दशक तक सेना में विभिन्न पदों पर कार्य किया था।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के शांति सेना में कांगो में भी काम किया था। उनका जन्म 11 मार्च 1958 को उत्तराखंड के गढवाल में एक सैनिक परिवार में हुआ था। उनका कल तमिलनाडु के नीलगिरी में हेलिकाप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था। बाद में सदस्यों ने दिवंगत सैन्यकर्मियों के सम्मान में दो मिनट मौन खड़े होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इसके बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस दुर्घटना को एक बड़ा मामला बताते हुए कहा कि सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को श्रद्धांजलि देने का मौका दिया जाना चाहिए। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि यह राष्ट्रीय शोक का मामला है और नेताओं की भावनायें उनसे जुड़ी हुयी है।
तृणमूल कांग्रेस के नदिमूल हक ने कहा कि इस मामले पर उनकी भावनायें नहीं व्यक्त करने दी जा रही है इसलिए उनकी पार्टी के सदस्य सदन से वाकआउट करते हैं। श्री हरिवंश ने कहा कि सदन की ओर से सामूहिक रूप से संवेदना व्यक्त की गयी है ।